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प्रोस्टेट कैंसर में हार्मोन थैरेपी से डिप्रेशन का खतरा

हार्मोन थैरेपी की मदद ले रहे प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त उम्रदराज लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा ज्यादा पाया गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 04:47 PM (IST)
प्रोस्टेट कैंसर में हार्मोन थैरेपी से डिप्रेशन का खतरा

लंदन। प्रोस्टेट कैंसर से निपटने के लिए आमतौर पर हार्मोन थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। ताजा अध्ययन में इसके खतरनाक प्रभाव का पता चला है। हार्मोन थैरेपी की मदद ले रहे प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त उम्रदराज लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा ज्यादा पाया गया है।

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शोधकर्ताओं के मुताबिक लोकलाइज्ड प्रोस्टेट कैंसर (पीसीए) का एंड्रोजेन डिप्राइवेशन थैरेपी (एडीटी) से इलाज कराने वालों के अवसाद की चपेट में आने का खतरा ज्यादा पाया गया है। विशेषषज्ञों ने बताया कि हार्मोन थैरेपी की मदद लेने वाले प्रोस्टेट कैंसर पीडि़तों में यौन इच्छा की कमी, वजन में वृृद्धि और ऊर्जा क्षीणता जैसी समस्याएं होती हैं। इन सब वजहों से उनमें डिप्रेशन का खतरा बढ जाता है। यह पहला मौका है जब पीसीए और एडीटी के बीच नकारात्मक संबंधों का पता चला है। एडीटी की मदद लेने वालों में अवसाद का खतरा 23 फीसदी तक ज्यादा पाया गया है।

डिप्रेशन से टाइप-2 डायबिटीज की भी आशंका


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