हाई ब्लडप्रेशर युवा वर्ग रहे सचेत
इन दिनों युवा वर्ग भी हाई ब्लडप्रेशर और अन्य हृदय रोगों की गिरफ्त में आता जा रहा है, लेकिन कुछ सुझावों पर अमल कर इस स्वास्थ्य समस्या का समाधान संभव है...
इन दिनों युवा वर्ग भी हाई ब्लडप्रेशर और अन्य हृदय रोगों की गिरफ्त में आता जा रहा है, लेकिन कुछ सुझावों पर अमल कर इस स्वास्थ्य समस्या का समाधान संभव है...
युवक युवतियों को फास्ट फूड्स ख़ूब लुभाते हैं, लेकिन इस लगाव में वे यह भूल जाते हैं कि फास्ट फूड्स का अधिक सेवन कालांतर में उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में युवक और युवतियों को यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि लगातार जंक फूड्स खाने की वजह से उन्हें मोटापा और हृदय से संबंधित कई
बीमारियां हो सकती हैं। एक शोध के मुताबिक मोटापा हृदय संबंधी रोगों का एक प्रमुख कारण है।
ट्रांस फैट्स का दुष्प्रभाव
बाजार में उपलब्ध ज्यादातर जंक फूड्स में सामान्य से अधिक मात्रा में ट्रांस फैट्स की एक विशेष प्रकार की वसा होती है। यह वसा हृदय की
नलिकाओं में अक्सर जमा हो जाती है। यह वसा उम्र बढऩे के साथ हृदय की नलिकाओं में रक्त प्रवाह को बाधित करने लगती है। यही स्थिति कालांतर में हृदय रोग का कारण बनती है।
शारीरिक श्रम की उपेक्षा केवल फास्ट फूड्स ही इस युवा वर्ग में बढ़ती हृदय संबंधी बीमारियों का एकमात्र कारण नहीं है।
युवक-युवतियां शारीरिक श्रम से अब कतराने लगे हैं। 100 से 200 मीटर भी चलना हो, तब भी अनेक युवक वाहन का सहारा लेते हैं। खेलकूद और व्यायाम के प्रति भी उनका रुझान कम होता जा रहा है। युवा वर्ग आजकल ज्यादा से ज्यादा
वक्त कंप्यूटर और स्मार्ट फोन्स पर बिताता है। इस
कारण उनमें मोटापे के साथ-साथ जीवनशैली
संबंधित समस्याएं (जैसे डाइबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर आदि) बढ़ रही हैं। ये सभी बातें समय के साथ दिल पर बुरा प्रभाव डालती हंै।
बढ़ता तनाव
इन दिनों युवा वर्ग अपने कॅरियर को लेकर काफी तनावग्रस्त रहता है। युवकों को नौकरियां मुश्किल से मिल रही हैं। अच्छी नौकरी कैसे मिले और
अगर नौकरी मिल भी गयी, तो नौकरी में बॉस द्वारा तय किए गए टार्गेट को कैसे पूरा किया जाए, ये सारी बातें युवावर्ग को तनावग्रस्त बना देती हैं। तनाव हृदय से संबंधित बीमारियों का
एक प्रमुख कारण है।
बचाव
हृदय संबंधी रोगों से बचने का सबसे पहला तरीका है बचपन से ही खान- पान की अच्छी आदतों पर अमल करना। जैसे खाने में दूध और दूध से
जुड़े पदार्थों, फलों-सब्जियां और रेशेदार अनाज को शामिल करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। तनाव को सकारात्मक सोच से नियंत्रित करें।
डॉ.सी.एस.पु्रथी इंटरवेंशनल कॉर्डियोलॉजिस्ट
कैपिटोल हॉस्पिटल, जालंधर