सफरनामा 2015
समय की शिला पर सन् 2015 ने मेडिकल फील्ड में उपलब्धियों के निशान बनाए हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद कुछ महत्वपूर्ण सफलताओं के बारे में चौथी और अंतिम कड़ी पेश कर रहे हैं विवेक शुक्ला
त्वचा रोग के लिए नई दवा
अमेरिकन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ.डी.ए.) ने डोपील्यूमैब नामक दवा को त्वचा की एलर्जी और एग्जिमा
के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान कर दी है। एलर्जी के रोगियों का इलाज अब तक स्टेरॉइड और एंटी एलर्जिक दवाओं से किया जाता रहा है। अनेक लोगों को इन दवाओं से पूरी राहत नहीं मिल पाती थी या फिर पीडि़त व्यक्ति साइड इफेक्ट के कारण स्टेरॉइड और एंटी
एलर्जिक दवाओं को छोड़ देते थे, लेकिन अब यह दवा ऐसे लोगों को फायदा पहुंचाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए साल में यह दवा देश में भी उपलब्ध हो जाएगी।
दमा के मरीजों के लिए नई उम्मीद
दमा एक तरह की एलर्जी है। इसका एक प्रकार ऐसा भी होता है, जिसमें एलर्जी सेल यानी इसनोफिल की संख्या बढ़ जाती है। अब मोपोलीजुमैब नामक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (जो शरीर में आई एल-5 नामक इंटरल्यूकिन को ब्लॉक करती है) का उपयोग दमा के गंभीर मामलों के इलाज में किया जाएगा। गौरतलब है कि इंटरल्यूकिन शरीर में पाया जाने वाला एक केमिकल होता है।
एंटीबॉयटिक दवा पर नई रिसर्च
एक एंटीबॉयटिक दवा एजिथ्रोमाइसिन के संदर्भ में इस साल अमेरिका में एक नई रिसर्च हुई, जिसकी प्रक्रिया अभी तक जारी है। रिसर्च के अभी तक सामने आए नतीजों से यह पता चला है कि एजिथ्रोमाइसिन नामक दवा के लंबे समय तक इस्तेमाल से बच्चों में दमा और एलर्जी से संबंधित मामले कम होते हैं।