हेयर ट्रांसप्लांटेशन: फिर आ सकते हैं नए बाल
बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों व महिलाओं में बालों का झड़ना एक समस्या है। पुरुषों में एक आम समस्या बालों का कम होना है, जिसे ‘ मेल पैटर्न हेयरलॉस’ कहा जाता है।
बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों व महिलाओं में बालों का झड़ना एक समस्या है। पुरुषों में एक आम समस्या बालों
का कम होना है, जिसे ‘ मेल पैटर्न हेयरलॉस’ कहा जाता है।
शुरुआती विकल्प
बाल प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांटेशन) से कपाल या खोपड़ी (स्कल) पर आपके बालों की
संख्या में इजाफा नहीं किया जाता है। इस प्रक्रिया में स्कल के पीछे के हिस्से से बालों को
लेकर जहां बाल नहीं होते हैं, उस हिस्से में बालों को प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि आप अच्छे
दिख सकें और जिस भाग से बाल लिए गए हैं (डोनर एरिया) वह भी खराब न दिखे। बालों
के गिरने के चिकित्सकीय उपचार में सर्जरी से पहले आहार में पोषक तत्वों जैसे विटामिंस को
महत्व दिया जाता है। इसके अलावा कुछ दवाएं दी जाती हैं। लेजर का भी इस्तेमाल किया जाता
है। इन दिनों बालों को घना करने के लिए कई उन्नत चिकित्सकीय तकनीक, जैसे प्लेटलेट
रिच प्लाज्मा और लेजर आदि उपलब्ध हैं। अगर ये उपाय कारगर नहीं होते हैं, तब अगले विकल्प
के तौर पर सर्जरी की जाती है।
सर्जरी अंतिम विकल्प
बाल प्रत्यारोपण सर्जरी में हेयर फॉलिकल्स को सिर के पीछे और किनारे के डोनर भाग से
स्थानांतरित किया जाता है, जो आनुवांशिक तौर पर मजबूत बाल होते हैं। सर्जन आनुवांशिक तौर
पर इन मजबूत बालों की जड़ों या फॉलिकल्स का इस्तेमाल करते हैं और इसे सिर के उस
हिस्से में प्रत्यारोपित करते हैं, जहां बाल गिर गए हों। इस प्रक्रिया को फॉलिक्यूलर हेयर ट्रांसप्लांट
कहा जाता है, जिसे दो तरीके-‘एफ यू टी’ और ‘एफ यू ई’ से अंजाम दिया जाता है। इन दोनों
पद्धतियो में अंतर यह होता है कि इसमें सिर के पीछे के हिस्से से बालों की जड़ों को लिया जाता
है और फिर उन्हें प्रत्यारोपित किया जाता है।
हेयर लॉस वाले भाग में दोनों पद्धतियों का परिणाम एक समान होता है।
‘एफ यू टी’ सर्जरी
फॉलिक्यूलर यूनिट ट्रांसफर (एफयूटी) बाल प्रत्यारोपण की एक सर्जरी है, जिसमें सिर के
पीछे के भाग से बालों की एक पतली पट्टी निकाली जाती है और इसका इस्तेमाल उस
जगह को भरने में किया जाता है,जहां बाल न हों, या काफी कम बाल हों। सिर के जिस हिस्से
से बालों की पतली पट्टी निकाली जाती है, वहां संवेदना को खत्म करने के लिए एनेस्थेटिक
इंजेक्शन लगाया जाता है। बालों को निकालने के बाद सर्जन कपाल या खोपड़ी के उस हिस्से
को बंद कर देते हैं। आम तौर पर यह हिस्सा नजर नहीं आता है, क्योंकि आसपास के घने
बालों से वह तत्काल छिप जाता है।
इसके बाद निकाली गई कपाल की पट्टी को काफी सावधानी से छोटे-छोटे भाग में बांटा
जाता है, जिसमें एक-एक बाल या प्रत्येक ग्राफ्ट में महज कुछ बाल होते हैं। प्रत्यारोपण की
संख्या या किस्म बालों के प्रकार, गुणवत्ता और रंग के साथ-साथ जहां उसे प्रत्यारोपित किया
जाना है, उस क्षेत्र के आकार पर निर्भर करती है। इसके हिसाब से ही सर्जन उस भाग को तैयार
करते हैं, जहां बालों को प्रत्यारोपित किया जाना है। उस हिस्से में विशेष तरह के चाकू या सुई
से छिद्र या सुराख बनाया जाता है और कोमलता से प्रत्येक ग्राफ्ट को एक-एक छिद्र में डाला
जाता है। बालों के घनत्व में सुधार के लिए एक और ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है।
एफयूई तकनीक
फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें ंफॉलिक्यूलर यूनिट
ग्राफ्ट या हेयर फॉलिकल्स को मरीज के डोनर हिस्से से एक-एक कर निकाला जाता है और
उसे जिस क्षेत्र में बाल नहीं हों या कम हों, वहां एक-एक कर प्रत्यारोपित किया जाता है। इसमें
बालों को निकालने के लिए एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है और फिर उसे
जरूरत वाले हिस्से में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस पद्धति का फायदा यह है कि इसमें कटने
का कोई निशान नहीं नजर आता है और न ही टांके लगाने की जरूरत होती है। एफयूई
तकनीक ऐसे पुरुषों के लिए अच्छी है, जो अपने बालों को छोटा रखना चाहते हैं। बाल प्रत्यारोपण
के बाद आपको कुछ दिनों तक दर्दनिवारक और एंटिबॉयटिक्स दवाइयां लेने की जरूरत होती है।
आपके सर्जन आपको कम से कम एक या दो दिनों तक सिर पर पट्टी लगाए रखने को कह
सकते हैं। ज्यादातर लोग सर्जरी के बाद दो से पांच दिनों में काम पर वापस आ जाते हैं।
सर्जरी के दो से तीन हफ्तों के अंदर, प्रत्यारोपित बाल गिर जाते हैं, लेकिन आप देखेंगे
कि कुछ महीनों के अंदर नए बालों का विकास होने लगेगा। ज्यादातर लोगों में सर्जरी के 6 से
9 माह के बाद नए बालों का विकास देखा जाता है। बालों को घना बनाने या उनके घनत्व में
सुधार के लिए अतिरिक्त प्रक्रिया अपनाने की जरूरत पड़ सकती है।
डॉ.अनूप धीर कॉस्मेटिक व प्लास्टिक सर्जन
अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली