विश्व वानिकी दिवस: अब खानपान व इलाज में भी होगा सुगंध का प्रयोग
सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र कन्नौज ने बढ़ाए कदम। इत्र के साथ औषधीय पौधों पर शोध होंगे कारगर
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अब खान-पान व इलाज में भी सुगंध को मददगार बनाने के लिए सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र कन्नौज ने कदम बढ़ाए हैं। यहां इत्र के साथ औषधीय पौधों को शोध कर कारगर बनाया जाएगा। इनके अंदर छिपे रहस्यों की पड़ताल के बाद आम जीवन में इस्तेमाल को हरी झंडी दी जाएगी। इसके लिए 21 मार्च को दिल्ली में केंद्र के प्रधान कार्यालय के वैज्ञानिकों संग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुगंध के क्षेत्र में काम कर रहे शोधकर्ता व इसेंशियल आयल एसोसिएशन आफ इंडिया के प्रमुख लोग मंथन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 अक्टूबर 2016 को लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के संयोजन में आयोजित नेशनल अवार्ड समारोह में सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र के इत्र व औषधीय पौधों के तेल वाले स्टाल की जमकर तारीफ की थी। इसके बाद केंद्रीय सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज ङ्क्षसह ने केंद्र के प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला के साथ चर्चा कर खान-पान व इलाज में सुगंध की मदद लेने का रोड मैप तैयार किया। इसमें सुगंधित व औषधीय पौधों की बारीकियों को सामने लाने के साथ इनके इस्तेमाल से प्राकृतिक इलाज को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
चर्चा में ये मुद्दे होंगे शामिल
देश से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर औषधीय पौधों, फूलों व प्राकृतिक तौर पर इत्र निर्माण के नए तरीकों को चर्चा में शामिल किया जाएगा। इसके लिए इसेंशियल आयल एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष अजय जैन के संयोजन में एफएफडीसी की मदद से ताना-बाना बुना गया है। दिल्ली के सम्मेलन में प्राकृतिक इत्र, औषधीय पौधों की उपयोगिता, खस के शरबत, गुलाब व केवड़ा जल, संतरे से निकले तेल, क्रीम हर्बल पुदीन हरा समेत अन्य पर विषय विशेषज्ञ भविष्य की तैयारियों पर फोकस करेंगे।
यह होंगे फायदे
-प्राकृतिक औषधियों से सस्ते इलाज की तरफ कदम।
-इत्र की अलग-अलग वैरायटी सामने लाई जा सकेंगी।
-कृत्रिम इत्र निर्माण से छुटकारा पाने के तरीके निकलेंगे।
-औषधीय गुण वाले पौधों की खेती पर जोर दिया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह बड़ी पहल की गई है। इससे देश में सुगंध के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित होगा। केंद्रीय लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज ङ्क्षसह का इसमें अहम योगदान है। इस पहल से मंत्रालय नए तकनीकी पहलुओं को सामने लाने में कामयाब होगा। कन्नौज साथ देश के सभी सुगंध के केंद्रों पर शोध प्रक्रिया में तेजी आएगी।
-शक्ति विनय शुक्ला, प्रधान निदेशक, सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र कन्नौज।