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लिवर में चर्बी बढ़ऩे से हृदय रोगों का खतरा

फ्रांसीसी शोधकर्ताओं के अनुसार फैटी लिवर के चलते हार्ट डिजीज से होने वाली मृत्युदर में वृद्धि हुई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 02:22 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 02:32 PM (IST)
लिवर में चर्बी बढ़ऩे से हृदय रोगों का खतरा

पेरिस । फैटी लिवर (लिवर में चर्बी का बढ़ऩा) को कई बीमारियों का जनक माना जाता है। फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने इसके एक और दुष्प्रभाव का पता लगाया है। फैटी लिवर के चलते हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा रहता है। इससे मृृत्यु दर में भी वृृद्धि होती है। मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और आर्टीरियल हाइपरटेंशन (ब्लड प्रेशर का लगातार ऊंचा बना रहना) के पीड़ि़तों में नॉन अल्कोहाल फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) सामान्य होती जा रही है। ताजा अध्ययन में एनएएफएलडी को अथरोस्क्लेरोसिस (धमनियों की भित्ती पर फैट, कोलेस्ट्रॉल का जमाव) के लिए स्वतंत्र कारक माना गया है। इसके चलते कार्डियोवस्कुलर डिजीज या हार्ट डिजीज से होने वाली मौतों में वृृद्धि होती है। लिवर में चर्बी बढ़ऩे से गले की प्रमुख धमनियों की मोटाई बढ़़ जाती है। इसके चलते रक्त प्रवाह में दिक्कतें आती हैं। ये परिस्थितियां हार्ट डिजीज के आगमन के पूर्व संकेत होते हैं।

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