ईवीएलटी तकनीक: वैरीकोज वेन्स का नया इलाज
इंडोवेनस लेजर एब्लेशन थेरेपी (ईवीएलटी) वैरीकोज वेन्स के रोगियों का इलाज करने की नवीनतम तकनीक है। यह तकनीक इस बीमारी के इलाज का एक कारगर विकल्प है... नसें या रक्तवाहिकाएं (शिराएं या वेन्स) शरीर के विभिन्न भागों से ऑक्सीजन रहित रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।
इंडोवेनस लेजर एब्लेशन थेरेपी (ईवीएलटी) वैरीकोज वेन्स के रोगियों का इलाज करने की नवीनतम तकनीक है। यह तकनीक इस बीमारी के इलाज का एक कारगर विकल्प है...
नसें या रक्तवाहिकाएं (शिराएं या वेन्स) शरीर के विभिन्न भागों से ऑक्सीजन रहित रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।
जब नसें खून के एकत्र हो जाने के कारण फैल जाती हैं, पूरी तरह से मुड़ जाती हैं या लंबी हो जाती हैं, तो उन्हें वैरीकोज वेन्स कहा जाता है।
ये सूजी हुई नसें होती हैं जिन्हें आप अपनी त्वचा
के माध्यम से भी देख सकते हैं। वे अक्सर नीली, उभरी हुई और मुड़ी हुई दिखती हैं। इनका इलाज नहीं कराने पर, समय के साथ वेरिकोज वेन्स की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
लक्षण
- यदि वैरीकोज वेन्स से कोई व्यक्ति पीडि़त है,
तो पैर भारी और थका हुआ महसूस होता है।
- पैर में दर्द महसूस हो सकता है।
- रात में या व्यायाम करने के बाद स्थिति और
खराब हो सकती है।
- लंबे समय तक खड़े रहने पर लक्षण और भी
खराब हो सकते हैं।
- पैरों में ऐंठन भी महसूस हो सकती है।
कारण
लंबे समय तक खड़े रहने वाले व्यवसाय से
सम्बद्ध होना भी इस रोग का एक कारण है।
इसके अलावा पारिवारिक इतिहास, अधिक
वजन का होना और पर्याप्त व्यायाम नहीं करना
आदि कारण हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में
वैरीकोज वेन्स होने की अधिक संभावना होती है।
निदान (डायग्नोसिस): वैरीकोज वेन्स का
पता लगाने के लिए डॉक्टर डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड
जांच कराते हैं। इस जांच से रक्त का संचार,
नसों के कार्र्यों और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस
(शिराओं में रक्त का थक्का बनना) के बारे में
जानकारी हासिल होती है।
पुराना इलाज: वैरीकोज वेन्स की शुरुआती
स्थिति में पैरों को ऊपर रखने से पैरों की सूजन
को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके
अलावा अन्य लक्षणों में कुछ राहत मिलती है।
आधुनिक उपचार
इंडोवेनस लेजर एब्लेशन वैरीकोज वेन्स के
रोगियों का इलाज करने की आधुनिक
तकनीक है। इस तकनीक में चीरे नहीं
लगाए जाते। मरीज को तेजी से स्वास्थ्य
लाभ होता है और वह जल्द ही अपना
दैनिक काम शुरू कर सकता है। इस
तकनीक को लोकल या स्पाइनल
एनेस्थीसिया देकर अंजाम दिया जा सकता
है। कलर डॉपलर की मदद से फैली हुई
वैरीकोज वेन्स का पता लगाया जाता है और
उसे पंक्चर कर दिया जाता है। इन पंक्चर
किए हुए वेन्स में लेजर फाइबर डाला जाता
है। लेजर फाइबर टिप की मदद से वेन में
लेजर ऊर्जा डाली जाती है। यह ऊर्जा
आसपास के टिश्यूज को नुकसान पहुंचाए
बगैर प्रभावित वेन्स की अंदरूनी पर्त को
जला देती है और कुछ समय बाद ये शिराएं
रस्सीनुमा हो जाती हैं। इस प्रकार, वैरीकोज
वेन्स के उपचार के बाद पैरों में रक्त का
समुचित संचार शुरू हो जाता है।
डॉ.गुलशन जीत सिंह सीनियर सर्जन
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, नई दिल्ली