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पाचन ग्रंथि के कैंसर का इलाज ढूंढने में मिली बड़ी कामयाबी

पाचन ग्रंथि के कैंसर का पता लगाने और भविष्य में उसका इलाज ढूंढने के दिशा में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने इस ग्रंथि की कोशिकाओं को त्रि-आयामी कल्चर प्रणाली से प्रयोगशाला में विकसित करने में कामयाबी हासिल की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 02 Jan 2015 10:39 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jan 2015 10:43 AM (IST)
पाचन ग्रंथि के कैंसर का इलाज ढूंढने में मिली बड़ी कामयाबी

वाशिंगटन। पाचन ग्रंथि के कैंसर का पता लगाने और भविष्य में उसका इलाज ढूंढने के दिशा में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने इस ग्रंथि की कोशिकाओं को त्रि-आयामी कल्चर प्रणाली से प्रयोगशाला में विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। इससे भविष्य में हर मरीज की पाचन ग्रंथि की स्थिति देखकर उसका इलाज किया जा सकेगा।

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यहां की कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैबोरेटरी (सीएसएचएल) और द लस्टगार्टन फाउंडेशन ने चूहों के अलावा मानव के भी इस ग्रंथि की कोशिकाओं को प्रयोगशाला में विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। इससे यह कैंसर कैसे बढ़ता है इसका पता लगाने का आसान हो जाएगा और भविष्य में इस जानलेवा बीमारी के सटीक इलाज का रास्ता आसानी से निकल आएगा।

शोधकर्ताओं के अनुसार, पाचन ग्रंथि का कैंसर सर्वाधिक जानलेवा माना जाता है। इसका पता चलने के बाद मात्र छह फीसद मरीज ही पांच साल से अधिक जिंदा रह पाते हैं। सामान्य कोशिकाओं की कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं से तुलना करके वैज्ञानिक उन बदलावों की पहचान कर सकते हैं जिससे यह बीमारी होती है। इसे ऑर्गेन्वाड नाम दिया गया है। इस बाहर विकसित करने के बाद दोबारा चूहे में लगाया जा सकता है। इस अध्ययन की रिपोर्ट सेल नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है।


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