हिप अर्थराइटिस को हराएं
जब कूल्हे के जोड़ में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाए और कूल्हे की गतिविधि (मूवमेंट) में लगातार दिक्कत महसूस हो, तो इस स्थिति को सामान्य भाषा में कूल्हे (हिप) की अर्थराइटिस कहा जाता है। देश में घुटने की अर्थराइटिस के मामले ज्यादा सामने आते हैं, लेकिन संपन्न विकसित देशों में कूल्हे की
जब कूल्हे के जोड़ में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाए और कूल्हे की गतिविधि (मूवमेंट) में लगातार दिक्कत महसूस हो, तो इस स्थिति को सामान्य भाषा में कूल्हे (हिप) की अर्थराइटिस कहा जाता है।
देश में घुटने की अर्थराइटिस के मामले ज्यादा सामने आते हैं, लेकिन संपन्न विकसित देशों में कूल्हे की अर्थराइटिस के मामले घुटने की अर्थराइटिस से कहीं ज्यादा सामने आते हैं। इसके बावजूद यह भी सच है कि देश में युवा वर्ग के लोग भी कूल्हे की समस्या से ग्रस्त हो रहे हैं। जो युवक शराब का नियमित रूप से सेवन करते हैं, उनके कूल्हे की हड्डी में रक्त का संचार (सर्कुलेशन) कम होने लगता है और धीरे-धीरे कूल्हा कमजोर होने लगता है। इस समस्या को एवैस्कुलर नेक्रोसिस कहा जाता है।
कारण
कूल्हे की अर्थराइटिस के लिए पांच कारण प्रमुख रूप से जिम्मदार हैं..
-एवैस्कुलर नेक्रोसिस की समस्या।
-पोस्ट ट्रॉमेटिक अर्थराइटिस(कूल्हे की हड्डी में चोट लगने के कारण)।
-एनकाइलो¨सग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण।
-र्यूमैटाइड अर्थराइटिस।
-टी.बी. के संक्रमण का दुष्प्रभाव।
लक्षण
-कूल्हे में दर्द का बरकरार रहना।
-चाल में लंगड़ाहट।
-पाल्थी मारने में विफल रहना।
-चलने फिरने की क्षमता का कम होना।
जांचें
एक्सरे और जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन और एमआरआई।
इलाज
अगर पीड़ित व्यक्ति का मर्ज शुरुआती स्थिति में है, तो उसे दवाएं लेने, फिजियोथेरेपी कराने और आराम करने की सलाह दी जाती है। जब अन्य चिकित्सकीय उपचार विफल हो जाते हैं, तब कूल्हे का प्रत्यारोपण (हिप रिप्लेसमेंट) ही एकमात्र कारगर विकल्प होता है। ऐसा प्रत्यारोपण लगभग 100 फीसदी सुरक्षित है। नवीनतम तकनीकों से तैयार हुए कृत्रिम कूल्हे अब काफी हद तक कुदरती स्वस्थ कूल्हे की तरह कार्य करते हैं। प्रत्यारोपण के बाद व्यक्ति खेलकूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग ले सकता है।
(डॉ.संदीप कपूर आर्थोपेडिक सर्जन, लखनऊ)