..अब आपको मिलेगा गायनीकोमैस्टिया से छुटकारा
गायनीकोमैस्टिया ऐसी शारीरिक स्थिति है, जिसमें पुरुषों के सीने का आकार सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। इस वजह से सीने पर वसायुक्त टिश्यूज का अत्यधिक जमाव हो जाता है। गायनीकोमैस्टिया से ग्रस्त पुरुष अपने शरीर के प्रति बहुत चिंतित हो जाते हैं। विशेषकर तैरते समय, जिम में य
गायनीकोमैस्टिया ऐसी शारीरिक स्थिति है, जिसमें पुरुषों के सीने का आकार सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। इस वजह से सीने पर वसायुक्त टिश्यूज का अत्यधिक जमाव हो जाता है। गायनीकोमैस्टिया से ग्रस्त पुरुष अपने शरीर के प्रति बहुत चिंतित हो जाते हैं। विशेषकर तैरते समय, जिम में या चुस्त टीशर्ट पहनते वक्त। इससे उनका आत्मविश्वास घट जाता है। इस प्रकार उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इलाज
गायनीकोमैस्टिया से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए लाइपोसक्शन और कुछ विधियों के द्वारा अतिरिक्त चर्बी (फैट)और ग्रंथिमय टिश्यूज को हटा दिया जाता है। कुछ मामलों में ऊपरी त्वचा को भी टाइट किया जाता है। यह सर्जरी लोकल या जनरल एनेस्थीसिया देकर की जा सकती है। निपल के एरिया के निचले हिस्से में एक छोटा छेद किया जाता है जिसके जरिए लाइपोसक्शन कैन्युला को भीतर डाला जाता है। कितनी चर्बी निकालनी है, इस आधार पर सर्जरी में एक से दो घंटे लग सकते हैं। जनरल एनेस्थेसिया देकर सर्जरी करने पर रोगी को एक रात के लिए अस्पताल में रुकना पड़ता है।
नवीनतम इलाज
मिनिमली इनवेसिव सर्जरी एक आधुनिक और बेहद कम चीरफाड़ वाली सर्जरी है। इसमें एक छोटे से छिद्र के जरिए चर्बी (फैट)और ग्रंथिमय टिश्यूज को बाहर निकाला जाता है। इस प्रक्रिया का लाभ यह है कि इसमें निशान कम पड़ते हैं और कोई रिक्त स्थान शेष नहीं रहता। इस सर्जरी के बाद तेजी से रोगी स्वास्थ्य लाभ करता है और कम से कम निशान दिखाई पड़ते हैं। रोगी को सर्जरी वाले स्थान पर कुछ पीड़ा, खरोंच व सूजन जैसा अनुभव होगा, किंतु यह सब कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। रोगी को कुछ दिनों के लिए काम से छु˜ी लेनी पड़ सकती है और कुछ समय के लिए ऐसी गतिविधियों से परहेज करना पड़ता है, जिनसे शरीर पर दबाव पड़ता हो। सर्जरी किए गए स्थान पर संक्रमण या निशान रह जाने का जोखिम बहुत कम होता है। इस समस्या से परेशान पुरुषों को इस सर्जरी के बाद बहुत संतुष्टि और खुशी प्राप्त होती है और वे अपने शरीर के संदर्भ में पहले से कहीं ज्यादा सहज व स्वाभाविक महसूस करते हैं।
(डॉ.अनूप धीर)