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बीमारियों के समाधान

पेशाब करते वक्त जलन महसूस होती है, लेकिन जब मैं पर्याप्त मात्रा में पानी पीती हूं, तब यह समस्या नहीं रहती। क्या मुझे किसी तरह का संक्रमण तो नहीं है? मेरे पति को भी पेशाब में जलन की शिकायत है। उनका यूरिन कल्चर टेस्ट नेगेटिव रहा। पति मधुमेह से भी ग्रस्त हैं। क्या डाइबिटीज से स्

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 12:59 PM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 12:59 PM (IST)
बीमारियों के समाधान

पेशाब करते वक्त जलन महसूस होती है, लेकिन जब मैं पर्याप्त मात्रा में पानी पीती हूं, तब यह समस्या नहीं रहती। क्या मुझे किसी तरह का संक्रमण तो नहीं है? मेरे पति को भी पेशाब में जलन की शिकायत है। उनका यूरिन कल्चर टेस्ट नेगेटिव रहा। पति मधुमेह से भी ग्रस्त हैं। क्या डाइबिटीज से स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पड़ता है? मैं मां बनना चाहती हूं, क्या ऐसा संभव है..?

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रविंदर एस. अरोड़ा,चंड़ीगड़

पेशाब में जलन या इंफेक्शन यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यू.टी.आई.) से भी हो सकता है। कम पानी पीने से भी पेशाब में जलन हो सकती है या मिर्च मसालेदार भोजन ग्रहण करने से भी जलन हो सकती है।

एक बार आप इंफेक्शन का पता करने के लिए पेशाब की जांच (यूरिन कल्चर) करा लें। यदि इंफेक्शन निकलता है, तो एंटीबॉयटिक्स का एक कोर्स (5-7 दिनों का) पूरा करें। पानी की मात्रा बढ़ाकर 3 से 4 लीटर कर दें। एक गिलास नींबू पानी या संतरे-मुसम्मी का जूस पिएं।

रही जहां तक आपके पति की बात तो डाइबिटीज की बीमारी के कारण स्पर्म की क्वालिटी खराब नहीं होती है, लेकिन वीर्य में इंफेक्शन होने से स्पर्म की क्वालिटी खराब हो सकती है। एक बार वीर्य की जांच कराएं और वीर्य का कल्चर एंड सेंसिटिविटी टेस्ट कराएं। वीर्य में इंफेक्शन होने पर उसका अनुभवी यूरोलॉजिस्ट से इलाज कराएं। यदि बच्चा नहीं हो रहा है, तो आप दोनों को अनुभवी डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांचें करानी चाहिए।

क्या किडनी की पथरी को बाहर निकालने के लिए लेजर टेक्नालॉजी से संबंधित कोई ऑपरेशन प्रक्रिया है? ऐसे ऑपरेशन की सफलता दर और लागत क्या है और ऐसा ऑपरेशन किन शहरों में होता है..?

ज्ञानेन्द्र रावत, नैनीताल

किडनी की पथरी (स्टोन) के इलाज के लिए पीसीएनएल तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस प्रक्रिया के तहत किडनी में छेद करके और दूरबीन से देखकर पथरी को तोड़ने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। पीसीएनएल 2 सेमी. से बड़े स्टोन के लिये किया जाता है। यदि स्टोन 2 सेमी. से छोटा हो तो ईएसडब्लूएल (एक्सट्रा कारपोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी) का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत अल्ट्रासाउंड वेव (जिसे लोग लेजर ही समझते हैं) से स्टोन को रेत के कड़ों के बराबर चूरा कर देते हैं, जिससे स्टोन पेशाब के जरिये बह जाता है।

पीसीेएनएल व ईएसडब्लूएल तकनीकें अब भारत के हर बड़े शहर में उपलब्ध हैं।

72 वर्षीय पिताजी का ब्लडप्रेशर और ब्लड शुगर सामान्य है, लेकिन वह अब बिस्तर पर ही पेशाब करने लगे हैं। पिता जी का कहना है कि उनका अब पेशाब पर नियंत्रण नहीं रहा। क्या करूं?

एस.एल. गिडवानी, गुड़गांव

वृद्धावस्था में इस तरह की समस्या सामने आती हैं। पेशाब पर नियंत्रण खोने के कई कारण हो सकते हैं। शीघ्र ही अपने पिता जी को किसी यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं और उनके द्वारा सुझायी गयी जांचें कराएं। इसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे।


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