तिरछे पैर हो सकते हैं सीधे
कॅन्जेनाइटल क्लब फुट एक ऐसा रोग है, जिसमें जन्म से ही बच्चे के पैरों में टेढ़ापन रहता है। क्लब फुट से प्रभावित लगभग 50 प्रतिशत बच्चों में ऐसा टेढ़ापन दोनों पैरों में होता है।
कॅन्जेनाइटल क्लब फुट एक ऐसा रोग है, जिसमें जन्म से ही बच्चे के पैरों में टेढ़ापन रहता है। क्लब फुट से प्रभावित लगभग 50 प्रतिशत बच्चों में ऐसा टेढ़ापन दोनों पैरों में होता है।
कारण
बच्चा जब मां की बच्चेदानी में विकसित हो रहा होता है, तब शिशु के विकास की प्रक्रिया
अवरोधित हो जाती है। इस वजह से उसके पैरों में विकृति (तिरछापन या टेढ़ापन) आ जाती है।
लक्षण
-बच्चे के पैर का अंदर की तरफ मुडऩा।
-बच्चे का लंगड़ाकर चलना।
-बैठने पर पीडि़त बच्चे की एड़ी जमीन से उठी
रहती है।
-पैर के बाहरी किनारे से चलने लगना।
जांच: पैदा होने से पूर्व भावी मां की अल्ट्रा सोनोग्राफी, बाद में एडवांस केसेज में एक्स-रे,
सी.टी. स्कैन और एम.आर.आई. जांचें करायी जाती हैं।
सामान्य चिकित्सा: शुरुआती दौर में डॉक्टर की सलाह के अनुसार प्लास्टर चढ़ाने और
स्ट्रेपिंग (हाथ से पंजे को सीधा करने का प्रयास करना और मालिश करना) और फुट स्पिल्टिंग
आदि के इस्तेमाल से इस बीमारी को 90 प्रतिशत तक ऑपरेशन के बगैर ठीक किया जा
सकता है। इसके लिए पीडि़त बच्चे को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता। फिजियोथेरेपी भी इस समस्या के समाधान में सहायक है।
सर्जिकल चिकित्सा: पैर का टेढ़ापन बहुत अधिक होने पर या इलाज देर से प्रारंभ करने पर
ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प है। आयु के अनुरूप ऑपरेशन की विभिन्न स्थितियां
हैं, जो 9 महीने से लेकर 10 वर्ष की आयु के बच्चों पर की जाती हैं। अत्याधुनिक ऑपरेशन
पद्धति द्वारा यह ऑपरेशन एक छोटे से चीरे से ही संभव है। ऑपरेशन के बाद पीडि़त बच्चे को
केवल दो दिनों तक ही अस्पताल में रहना पड़ता है। पैर लगभग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
बच्चे के चलना शुरू करने की उम्र से पहले ही यह ऑपरेशन करना बेहतर होता है।
डॉ. स्वरूप पटेल अस्थि व जोड़ रोग विशेषज्ञ