सिर्फ ये सिंपल टेस्ट कराने की होगी जरूरत, कैंसर का चल जाएगा पता
अब गैरजरूरी एंडोस्कोपी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही समय रहते पता चलने पर पीडि़तों को बचाया भी जा सकेगा।
पेट और गले से पेट तक जाने वाली नली में कैंसर (ओयसोफेगल) का कम खर्च में जल्दी पता लगाना संभव हो सकेगा। इंपीरियल कॉलेज लंदन के विशेषज्ञों ने दोनों तरह के कैंसर का पता लगाने का नया और आसान तरीका ढूंढ़ने का दावा किया है।
श्वांस की जांच (ब्रीद टेस्ट) के जरिये इस जानलेवा बीमारी का पता लगाना संभव हो सकेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि श्वांस में पांच तरह के रसायनों की मात्रा का पता लगाने से यह सफलता मिली है। अब गैरजरूरी एंडोस्कोपी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही समय रहते पता चलने पर पीडि़तों को बचाया भी जा सकेगा।
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नई विधि के जरिये 85 फीसद मामलों में कैंसर का सटीक पता लगाया गया। दुनिया भर में दोनों तरह के कैंसर से जुड़े हर साल तकरीबन 14 लाख नए मामले सामने आते हैं।
-पीटीआई