बचें मलेरिया की मार से
यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। इस मच्छर के शरीर में प्लास्मोडियम नामक जीवाणु (प्रोटोजोआ) पाया जाता है। मच्छर द्वारा काटने पर यह मानव शरीर में चला जाता है।
यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। इस मच्छर के शरीर में प्लास्मोडियम नामक जीवाणु (प्रोटोजोआ) पाया जाता है। मच्छर द्वारा काटने पर यह मानव शरीर में चला जाता है।
लक्षण
- ठंड के साथ तेज बुखार होना। सिर दर्द व शरीर दर्द होना।
- पेशाब कम होना और सांस लेने में परेशानी होना। पेट में दर्द होना।
- बेहोशी या दौरे आना,जिसे दिमागी मलेरिया (सेरीब्रल मलेरिया) कहते हैं।
उपचार
- लक्षणों को तुरंत पहचानें। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल लें।
-ठंडे पानी से शरीर को पोंछें।
- डॉक्टर की सलाह लें।
-इन दिनों मलेरिया के लिए अत्यंत प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं।
बचाव
-मच्छर दूर करने वाली विधियों का इस्तेमाल करें।
-आसपास के परिवेश में पानी न जमा होने दें।
-पूरी बाजू के वस्त्र पहनें।
-जो लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं,जहां मलेरिया के मामले ज्यादा होते हैं, ऐसे भागों को मेडिकल भाषा में 'इनडेमिक जोन' कहते हैं। ऐसे भागों में रहने वाले लोग डॉक्टर की सलाह से कुछ दवा रोज या सप्ताह में दो बार लेकर मलेरिया से बच सकते हैं। अभी तक मलेरिया की रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) उपलब्ध नहींहै।
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