अब इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस से मिलेगा छुटकारा
इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) में आए विकार का नतीजा है। ये ऑटो-इम्यून विकार है। कारण- किन्हीं कारणों से शरीर का इम्यून सिस्टम अपना ही शत्रु बन जाता है और यह सिस्टम जोड़ों पर आक्रमण कर देता है। इस स्थिति में जोड़ क्षीण होकर विकृत होने लगते हैं।
इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) में आए विकार का नतीजा है। ये ऑटो-इम्यून विकार है।
कारण- किन्हीं कारणों से शरीर का इम्यून सिस्टम अपना ही शत्रु बन जाता है और यह सिस्टम जोड़ों पर आक्रमण कर देता है। इस स्थिति में जोड़ क्षीण होकर विकृत होने लगते हैं।
लक्षण
-एक या इससे ज्यादा जोड़ों में दर्द या सूजन। प्रभावित जोड़ पर गर्म महसूस होना। जोड़ में जकड़न या हिलाने में दिक्कत महसूस होना। जोड़ के आसपास लालिमा होना। बुखार आना। गले में खराश।
हालांकि यह बीमारी पहले हाथ के छोटे जोड़ों से शुरू होती है। इसके बाद समय के साथ साथ ये घुटनों, टखनों, कोहनी, अंगूठों और अंगुलियों में फैल जाती है। दिनभर की गतिविधियों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का दर्द अलग-अलग हो सकता है।
इलाज: पीड़ित व्यक्ति को कुछ दवाएं दी जाती है। वहींनियमित व्यायाम से जोड़ों की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है। इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस के रोगियों के लिए कम प्रोटीनयुक्त और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स युक्त आहार फायदेमंद होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अखरोट और फ्लेक्स सीड्स आदि को खाने में वरीयता देने से सूजन और दर्द को कम करने में सहायता मिलती है।
अगर उपर्युक्त विधियों से रोगी को आराम नहीं मिलता, तब विशेषज्ञ डॉक्टर जोड़ प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी का परामर्श देते हैं। आधुनिक तकनीक- कंप्यूटर असिस्टेड सर्जरी रोगी के लिए कहींज्यादा उपयुक्त होती है।
(डॉ. राजू वैश्य सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन, अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली)