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13 संवारें सेहत

एक्सरसाइज के साथ ही आहार की भी इसमें अहम् भूमिका होती है। ऐसे में कौन सा आहार हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है और कौन से खाद्य पदार्थ नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बारे में बता रही हैं फिटनेस एक्सपर्ट सविता सिन्हा

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 16 Apr 2016 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 16 Apr 2016 02:56 PM (IST)
13 संवारें सेहत

आजकल व्यस्त जीवनशैली में सेहत को लेकर सजग होना आवश्यक है। एक्सरसाइज के साथ ही आहार की भी

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इसमें अहम् भूमिका होती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कौन सा आहार हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है और कौन से खाद्य पदार्थ नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बारे में बता रही हैं फिटनेस एक्सपर्ट सविता सिन्हा

1. सुबह उठते ही आपका पहला ड्रिंक कहीं चाय तो नहीं है? अगर ऐसा है तो अपनी आदत बदलने का प्रयास करें। आपका पहला मार्र्निंग ड्रिंक चाय नहीं होनी चाहिए। बाद में आप दिन में अपनी इच्छा अनुसार दो-तीन बार चाय ले

सकती हैं।

2. देसी घी को भोजन में शामिल करना चाहिए। घी से कोलेस्ट्रॉल घटता है।

3. नारियल का सेवन भी सेहत के लिए लाभदायक है। नारियल में जीरो कोलेस्ट्राल होता है। नारियल से अनेक स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं जैसे नारियल चटनी और नारियल के लड्डू। इसे किस प्रकार भोजन में शामिल करना है, यह आप स्वयं तय करें।

4. डिब्बाबंद ओट्स या अन्य ब्रेकफास्ट के बजाय पोहा, उपमा, इडली या पराठा का नाश्ता बेहतर है। ब्रेड, बिस्किुट, केक, पिज्जा, पास्ता इत्यादि जंक फूड से दूरी बनाएं।

5. फ्रूट जूस के बजाय अगर आप फलों का सेवन करेंगी तो यह सेहत के लिहाज से अच्छा रहेगा। फलों के सेवन से आपको फाइबर भी प्राप्त होता है।

6. शरीर को डिटॉक्स करने के लिहाज से गन्ने के रस का सेवन भी अच्छा है। ताजा गन्ने का रस उपलब्ध हो जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है।

7. चावल के सेवन में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ब्राउन राइस पर जोर देने में कोई विशेष समझदारी नहीं है। आप सामान्य रूप से उपलब्ध सफेद चावल को भोजन में शामिल कर सकती हैं। चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत हाई नहीं होता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स का स्तर मीडियम होता है और अगर आप दाल, दही या कढ़ी के साथ चावल खाती हैं तो इसका स्तर और कम हो जाता है। चावल में कुछ जरूरी मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसका सेवन सेहत के लिहाज से लाभदायक है। इसे आप दो वक्त भी खा सकती हैं।

इसकी मात्रा आपकी भूख पर निर्भर करती है।

8. खाना खाते वक्त कैलोरी के बारे में न सोचें, बल्कि उससे प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों को जेहन में रखें। अपने बड़ों से भी हमने यह सुना है कि जो भी खाएं उसे पूरे मन से खाना चाहिए, तभी वह शरीर को लाभ पहुंचाता है।

9. वनस्पति या वेजीटेबल ऑयल के बजाय सीड ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे सरसों का तेल, मूंगफली का तेल इत्यादि। नारियल तेल का इस्तेमाल भी सेहत के लिए अच्छा है। आकर्षक पैकिंग में उपलब्ध ऑलिव ऑयल या राइस ब्रान ऑयल का चुनाव करने में समझदारी नहीं है। रिफाइन्ड ऑयल के बजाय कच्ची घानी यानी सरसों का तेल इस्तेमाल करना बेहतर है।

10. ग्रीन टी पर भी जोर देने की आवश्वयता नहीं है। इसके अलावा इस बात का भी ख्याल रखें कि अगर भूख लगी है तो कुछ हेल्दी खाएं। चाय भूख शांत करने का विकल्प नहीं होनी चाहिए।

11. फलों को अपने दैनिक आहार में अवश्य शामिल करें। यहां इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि किस फल का सेवन कर रही हैं, क्योंकि फु्रक्टोज तत्व सभी फलों में पाया जाता है। सेब, केला, चीकू, अमरूद, आम, संतरा इत्यादि में से जिन फलों की आपके इलाके में पैदावार हो और आसानी से उपलब्ध हों, उन्हें अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। अगर आपको डायबिटीज है तो उस अवस्था में भी फलों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि फु्रक्टोज आपके रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

12. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या थायरॉयड से पीड़ित व्यक्ति को नियमि एक्सरसाइज करनी चाहिए। साथ ही

डिब्बाबंद खाद्य पदार्र्थों से भी दूरी बनानी चाहिए।

13. पारंपरिक भोजन हमेशा सेहत के लिहाज से उम्दा होता है, इसलिए उसे ग्रहण करने में बहुत सोच-विचार करने की आवश्यकता नहीं है। खुद से यह सवाल करें कि क्या यह भोजन आपकी दादी या नानी खाती

थीं, अगर इसका जवाब हां में है तो बेझिझक होकर उसे ग्रहण कर सकती हैं।


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