10 में है बड़ा दम
यदि आप कुदरती तौर पर सुंदर दिखना चाहती हैं तो इसके लिए आपको न तो अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत है और न ही विशेष प्रयास की। यहां दी गई कुछ बातों पर अमल करके आप अपने सौंदर्य में चार चांद लगा सकती हैं.. हर शख्स सुंदर-स्वस्थ दिखना चाहता है। इस संदर्भ में एक बात ध्यान रखनी च
यदि आप कुदरती तौर पर सुंदर दिखना चाहती हैं तो इसके लिए आपको न तो अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत है और न ही विशेष प्रयास की। यहां दी गई कुछ बातों पर अमल करके आप अपने सौंदर्य में चार चांद लगा सकती हैं..
हर शख्स सुंदर-स्वस्थ दिखना चाहता है। इस संदर्भ में एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि सौंदर्य का सीधा संबंध आपके अच्छे स्वास्थ्य से होता है। कुछ साधारण सी बातों पर अमल करके आप अपने सौंदर्य मे इजाफा कर सकतीं हैं। ये ऐसी बातें हैं, जिन पर अमल करने में आपको कुछ खर्च भी नहीं करना होगा।
1. व्यायाम
बिस्तर से उठने से पहले अपने बदन को अंगड़ाइयां लेकर जहां तक सहनीय हो, खींचें। झटके से बिस्तर न छोड़ें। सुबह उठने के बाद कम से कम 20 मिनट तक व्यायाम करें। व्यायाम का चयन आपको किसी विशेषज्ञ के परामर्श से करना चाहिए। मेडिटेशन, योगासन और सुबह आधा घंटे तक टहलना एक अच्छा व्यायाम है। व्यायाम से तनाव कम होता है और दिनभर में आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर पर्याप्त मात्रा में बरकरार रहता है। ऊर्जा का यह स्तर आपके सौंदर्य में इजाफा करता है।
2. मुस्कराइए
मुस्कराने से दिन की शुरुआत अच्छी होती है। प्रसन्नता के इस भाव से आप स्वयं को तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करती हैं। मुस्कराने से आपके आसपास रहने वाले लोगों में यह संदेश जाता है कि आप कितनी चुस्त-दुरुस्त और स्मार्ट हैं।
3. पर्याप्त पानी
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं तो भी पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। बहुत से लोग पानी मौसम और प्यास के अनुसार पीते हैं। कहने का मतलब यह कि अगर गर्मी का मौसम है तो ज्यादा पानी पीते हैं। बारिश और सर्दी के मौसम में कम मात्रा में पानी पीते हैं। फिर भी दिन भर में हर मौसम कम से कम सात-आठ गिलास पानी पीना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से त्वचा में निखार आता है।
4. विश्राम
यदि आप कामकाजी महिला नहीं हैं तो दिन में अवसर मिलने पर विश्राम कर लें। यदि आप कामकाजी महिला हैं तो ऑफिस में लंच टाइम में किसी खुली जगह पर गहरी सांसें लें और उसे धीरे धीरे छोड़ें। इससे आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचेगी और आप स्वयं को अधिक तरोताजा महसूस करेंगी।
5. किसी का भला करें
किसी से कोई उम्मीद किए बगैर जहां तक संभव हो, उसका भला करें। ऐसा करने से आपको आत्मसंतुष्टि प्राप्त होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि मन में आत्मसंतुष्टि होने पर चेहरे पर चमक आती है।
6. संबंधों में है ताकत
अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों, मित्रों और शुभचिंतकों से समय निकालकर मिलती रहें। आपस में लोगों से मिलते रहने से कठिनाईयों से भी लड़ना आ जाता है।
7. सोच-समझकर खर्च
हम सभी अपने खानपान पर काफी खर्च करते हैं। यह और बात है कि हम यह नहीं सोचते कि खानपान की विभिन्न वस्तुओं पर जो हमने खर्च कर रहे हैं। वे वस्तुएं हमें फायदा पहुंचा रही हैं या नुकसान कर रही हैं। इसलिए अगली बार खानपान पर पैसा खर्च करते समय अपने मन में दो विकल्प सोचें। पहला खानपान की वे वस्तुएं जो स्वास्थ्यकर हैं, पर उन्हें आप खरीदती नहीं हैं या कम खरीदती हैं। दूसरी सूची उन वस्तुओं की बनाएं जिन्हें आप स्वास्थ्यकर तो नहीं मानती हैं, पर जीभ के जायके के लिए आप इन पर पैसा खर्च करती हैं। जैसे जंक फूड व फास्ट फूड पर पैसा खर्च करना। आप दूसरी सूची की वस्तुओं पर किए गए खर्च का ब्योरा निकालें और फिर पहली सूची की मद पर खर्च किए गए पैसे का। अंतर आपको समझ में आ जाएगा कि दूसरी सूची की वस्तुओं पर आप कहीं अधिक पैसा खर्च कर रही हैं। इसलिए दूसरी सूची के बजाय आपको पहली सूची की वस्तुओं पर पैसा खर्च करना चाहिए। आपको यह समझना चाहिए कि आप अस्वास्थ्यकर वस्तुओं पर कितनी बड़ी रकम खर्च कर रही हैं।
8. अच्छे पहलुओं को देखें
हर बात में उसके अच्छे पहलुओं को देखें। इस आदत को विकसित करने में आपको शुरू-शुरू में कठिनाई जरूर होगी, पर धीरे-धीरे अभ्यास से सब ठीक हो जाएगा। परेशानी इसलिए, क्योंकि लगभग हम सभी की आदत दूसरे शख्स या वस्तु में खामियां तलाशने की होती है, यदि एक बार आपने अपने अंदर यह आदत विकसित कर ली तो आपको कभी किसी प्रकार के तनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह तो आपको मालूम ही होगा कि तनाव रहित रहने पर हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है।
9. कुछ नया सीखें
प्रतिदिन कुछ न कुछ नया सीखें। कोई पसंदीदा किताब पढ़ें या किसी नए शब्द को सीखें या फिर ज्ञान से परिपूर्ण कोई नई जानकारी से अपने को अपडेट करें।
10. स्वयं को पुरस्कृत करें
कोई लक्ष्य हासिल कर लेने पर या किसी सकारात्मक काम में सफल होने पर आपको स्वयं की सराहना करनी चाहिए। यह न सोचकर बैठें कि अपनी सराहना स्वयं कैसे करूं, बल्कि अपने मन में यह बात बिठाएं कि वास्तव में आप सराहना की पात्र हैं।
(साइकोलॉजिकल काउंसलर
डॉ. लकी चतुर्वेदी से बातचीत पर आधारित)