अधिकारियों की मंशा पर सवाल, प्रधानमंत्री के समक्ष जाएगा प्लांट का मुद्दा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर में सफाई व्यवस्था और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर में सफाई व्यवस्था और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दोबारा चलाने के मुद्दे पर अब पार्षदों ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराने का निर्णय लिया है। आरोप है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। करीब ढाई वर्ष से प्लांट बंद पड़ा है, जबकि टेंडर 30 वर्ष के लिए हुए था। निर्धारित समय से पहले प्लांट को बंद करने और मापदंडों पर खरा न उतरने के आरोप में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि कंपनी की लापरवाही के कारण प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है और जगह-जगह लगे कचरे के ढेर बीमारियां फैलाने का काम कर रहे हैं।
कूड़े में लगा दी जाती आग
प्लांट बंद होने से प्लांट के अंदर और बाहर गंदगी के ढेर लग जाते हैं। कई कई दिन प्लांट बंद रहता है, जो कचरा प्लांट के बाहर पड़ा होता है उसमें आग लगा दी जाती है। अकसर यहां पर कूड़ा में आग लगी रहती है, लेकिन उसे बुझाने वाला कोई नहीं होता। नजदीक हाईवे है और धुएं के कारण सड़क हादसों की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। दुर्गध के मारे क्षेत्र में बुरा हाल है। पार्षदों का कहना है कि सफाई व्यवस्था का ऐसा हाल पहले कभी नहीं देखा गया।
फोटो : 2
देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं शुरुआत की है। मिशन अच्छा है, लेकिन निचले स्तर पर अधिकारियों की मंशा साफ नहीं है। शहर के अंदर और बाहर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। शहर में जिन कंपनियों को सफाई का ठेका दिया हुआ है, वह भी सुचारु रूप से कार्य नहीं कर रही हैं। इसके अलावा कचरे के निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। इस बारे प्रधानमंत्री पत्र भेजकर अवगत कराया जाएगा और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।
सरोज बाला, मेयर।
फोटो : 3
अब तो बिलकुल ही हद हो गई है। प्लांट न चलाए जाने पर जब करनाल में संबंधित कंपनी का टेंडर रद किया जा सकता है, तो यहां क्यों नहीं? अधिकारियों की मंशा ठीक नहीं है। पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को शहर में कचरे की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। कम से कम उनको भी पता चले कि उनके अभियान को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है। स्वच्छता का मतलब केवल झाड़ू उठाकर फोटो खिंचवाना ही नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण कचरे के ढेर बीमारियां फैलाने का कारण बन रहे हैं। बंद पड़े प्लांट का टेंडर रद कर नई कंपनी को दिया जाना चाहिए।
निर्मल चौहान, पार्षद
फोटो : 4
सफाई के मुद्दे को लेकर सीएम ¨वडो पर कई बार शिकायत कर चुके हैं। गली-मोहल्लों से लेकर नेशनल हाईवे तक स्थिति खराब है। अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कचरा निस्तारण प्लांट बंद पड़ा होने के कारण जगह-जगह ढेर लगे हैं। पशु मुंह मारते हैं और प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। निस्तारण प्लांट चले तो एक नहीं, बल्कि कई फायदे हैं। पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा और कचरे से खाद तैयार हो सकेगी। यदि संबंधित कंपनी कसूरवार है तो टेंडर रद करने में देरी क्यों।
प्रमोद सेठी, पार्षद।
फोटो : 5
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना अच्छी है, लेकिन योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। प्लांट पर्यावरण प्रदूषण कारण बन रहा है। जहरीली गैसें वातावरण में घुल रही हैं, जो कई बीमारियों का कारण बनती हैं। इस संदर्भ शासन और प्रशासन सख्त कदम उठाने चाहिए।
डॉ. अजय गुप्ता, पर्यावरणविद।