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शहर की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे मौत के दूत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जगाधरी व यमुनानगर के शहरी क्षेत्र में सुबह साढ़े सात से साढ़े

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 12:31 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 12:31 AM (IST)
शहर की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे मौत के दूत
शहर की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे मौत के दूत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जगाधरी व यमुनानगर के शहरी क्षेत्र में सुबह साढ़े सात से साढ़े नौ, दोपहर डेढ़ बजे से तीन बजे तक व शाम पांच से सात बजे तक बसों को छोड़कर अन्य सभी भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सुरक्षा के लिहाज से सराहनीय कदम है, लेकिन ¨लक मार्गो पर मौत के दूत बनकर दौड़ रहे भारी वाहनों पर नकेल कसने की जरूरत है। जठलाना-यमुनानगर, व जठलाना-रादौर मार्ग पर इन दिनों दिन रात ऐसे वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। सड़कें भी टूट रही हैं और सड़क से गुजरते हुए कलेजा मुंह को रहता है।

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यमुना घाट से लेकर आते हैं रेत

ट्रैक्टर-ट्रॉली, डंपर व ट्रक पौबारी और गुमथला यमुना घाट से रेत भरकर लाते हैं। सड़क पर चल रहे ऐसे वाहनों के चलने का नजारा वाकई देखने लायक होता है। ट्रैक्टर की बात की जाए तो कई-कई किलोमीटर केवल पिछले पहियों के सहारे चलते हैं।

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यमुनानगर से गुमथला तक कुछ दिन पहले सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन भारी वाहनों के कारण यह टूटने लगी है। कई जगह साइडों से धंस चुकी है। इसके अलावा जठलाना से रादौर जाने वाली सड़क भी क्षतिग्रस्त होनी शुरू हो गई और यदि ऐसे ही हालात बने रहे तो सड़क पूरी तरह टूट जाएगी।

एडवोकेट वरयाम ¨सह, गुमथला।

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सड़क से दिनरात रेत से भरे वाहन गुजरते हैं। ट्रक, डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतार लगी रहती है। वजन व स्पीड इतनी अधिक होती है कि यदि वाहन के सामने अचानक कुछ आ जाए तो चाहकर भी वाहन को रोकना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़क के किनारों पर सरकारी व निजी स्कूल हैं और रिहायशी एरिया भी है। इन वाहनों के कारण कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है।

रामबीर ¨सह चौहान, उन्हेड़ी।

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सड़क पर आबादी के पास यदि ब्रेकर बना दिए जाएं तो राहत मिल सकती है। जठलाना-रादौर मार्ग पर मॉडल टाउन व बरेहड़ी गांव में ब्रेकर बनवाए जाने जरूरी हैं। क्योंकि ब्रेकर होंगे तो स्पीड पर अंकुश लग सकता है और हादसे की संभावना कम हो सकती हैं।

सुरेंद्र राणा, बरेहड़ी।

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गांव की सीमा में प्रवेश करने के बाद भी इन वाहनों की स्पीड कम नहीं होती और ऐसी स्थिति में किसी बड़े हादसे की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उक्त दोनों मार्गों पर सड़क के किनारे दर्जनों स्कूल चल रहे हैं। छुट्टी व स्कूल खुलने के समय सड़क पर बच्चों की लाइन लगी होती है। ऐसे वाहनों पर नकेल कसना जरूरी है।

रोहित कुमार।

आरटीए आरके कौशिक से सीधी बात

सवाल : यमुना घाटों से दिनरात रेत से भरे भारी वाहन गुजर रहे हैं।

जवाब : मामला हमारे संज्ञान में है। बीती रात पांच वाहनों की चालान किए हैं।

सवाल : भारी वाहन दिनरात गुजरते हैं। क्या कोई स्थाई समाधान नहीं हो सकता।

जवाब : विभाग की ओर से नियमित कार्रवाई की जाएगी और ओवर लोड बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सवाल : ग्रामीणों की मांग है कि सड़क पर ब्रेकर बनवा दिए जाएं।

जवाब : यह पीड्ब्ल्यूडी का मामला है। हम केवल ओवर लोड पर शिकंजा कस सकते हैं।

सवाल : क्या स्थाई नाका लगाया जा सकता है?

जवाब : पुलिस विभाग की ओर से नाका लगाया जा सकता है। स्टाफ के साथ मैं बीती पूरी रात सड़क पर रहा और ऐसे वाहनों की जांच की।

थाना जठलाना करनैल ¨सह से सीधी बात

सवाल : आपके कार्यक्षेत्र की सड़कों पर दिनरात रेत से भरे वाहन गुजर रहे हैं।

जवाब : हमारे संज्ञान में है और हम कार्रवाई भी कर रहे हैं।

सवाल : अभी तक कोई अंकुश नहीं लग पाया।

जवाब : हम आज की चे¨कग करेंगे। इसके लिए क्षेत्र के लोगों का सहयोग भी चाहिए।

सवाल : क्या अब से पहले चे¨कग हुई है।

जवाब : ऐसे वाहनों को रोककर एक दिन हिदायत दी थी, लेकिन अब कार्रवाई करेंगे।


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