शिक्षा अधिकारी के बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
संवाद सहयोगी, मुस्तफाबाद : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की कार्यकारिणी की बैठक में खंड प्रधान कुलवंत सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा संघ बारे दिए गए बयान को अनुचित व दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यापकों की समस्याओं बारे शुरू से ही संघर्षरत रहा है।
उन्होंने बताया कि 4 जुलाई तक मौलिक शिक्षा स्तर तक के अध्यापकों के वित्तीय व अन्य मामलों के अधिकार खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने पास रखे हुए थे। इस समय अवधि में अध्यापकों के वेतन व अन्य मामले कभी भी समय पर हल नहीं किए गए, उल्टे बेवजह लटकाया गया। अध्यापकों का आयकर भी इस कार्यालय द्वारा काटा गया तथा आयकर के 16 फार्म जारी करने का कर्तव्य भी खंड शिक्षा अधिकारी का बनता लेकिन वह अभी तक भी जारी नहीं किए गए। इसके विपरीत उन पर तरह-तरह की आपत्तिया लगाकर अध्यापकों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले 6 मास से अध्यापकों का शिक्षा भत्ता नहीं निकलवाया गया है। कई अध्यापकों का शिक्षा भत्ता अक्टूबर 11 से लंबित है। इन तथ्यों की कार्यालय से पुष्टि की जा सकती है।
खंड सचिव सुरेद्र पाल ने बताया कि संघ बारे खंड शिक्षा अधिकारी का बयान असत्य है। बेहतर होता 16 जुलाई को अधिकारी अध्यापकों की समस्याएं सुनते व अपना पक्ष रखते। अध्यापक नेता बलविंद्र सिंह ने बताया कि 4 जुलाई को धरने का नोटिस देने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने अधिकार मौलिक शिक्षा अधिकारी को सौंपे तथा शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकते। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत तथ्य असत्य व अशोभनीय हैं तथा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ इसकी कड़ी निंदा करता है।
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