ओडिसी नृत्य देख अभिभूत हुए दर्शक
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुना ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस गधौली में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अं
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुना ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस गधौली में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय स्तर की नृत्य कलाकार गीता महालिक द्वारा ओडिसी नृत्य का प्रदर्शन किया। गीता महालिक अपने दो सहयोगियों के साथ यमुना ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में पहुंची।
कार्यक्रम शुभारंभ यमुना ग्रुप के चेयरमैन चौधरी राजिंद्र सिंह और गीता महालिक के कर कमलों से दीप प्रज्वलित करके किया गया। उसके बाद एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. सर्वजीत कौर ने गीता महालिक का यमुना ग्रुप की तरफ से स्वागत किया तथा उनका परिचय वहा पर उपस्थित मैनेजमेंट विद्यार्थियों से करवाते हुए बताया कि गीता महालिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली के बेहतरीन कलाकारों में से एक है, जिन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूप के सबसे पुरानी शैली ओडिसी नृत्य में महारत हासिल है। गीता महालिक को भारतीय सरकार की तरफ से 2014 में कला और संस्कृति के क्षेत्र में उसकी सेवाओं के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। गीता भारत के अलावा फ्रांस , स्विटजरलैंड, चीन, इटली, स्पेन, अमेरिका, कनाड़ा, जर्मनी, पुर्तगाल, ग्रीस तथा अफ्रीकी महाद्वीप के कई देशों और दुनिया भर के कई देशों में अपने नृत्य कला का प्रदर्शन बड़े पैमाने पर कर चुकी है।
गीता भारत के भी सभी प्रमुख समारोहों में अपने नृत्य कला का प्रदर्शन कर चुकी है जिसमें प्रमुख है खजुराहों नृत्य महोत्सव, एलोरा नृत्य महोत्सव, ताज महोत्सव, एलिफेंटा नृत्य महोत्सव, गंगा महोत्सव आदि।
गीता को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। गीता महालिक ने अपनी कला से वहा बैठे सभी दर्शकों का मन मोह लिया। उन्होंने बताया कि ओडिसी नृत्य शास्त्रीय नृत्य के आठ रूपों में से सबसे पुरानी शैली है, जिसका आरम्भ 2005 साल पहले जगन्नाथपुरी मंदिर में हुआ था। उन्होंने विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत के कई रूपों केबारे में जानकारी दी और ओडिसी नृत्य के बारे में भी बताया।