Move to Jagran APP

बिना इंटरनेट के कैशलेस व्यवस्था सिर्फ हवाबाजी

जागरण संवाददाता, सोनीपत: कैशलेस सिस्टम बनाने का सपना देख रही सरकार के अधिकारी ही बेफिक्र हैं। डीस

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 07:47 PM (IST)
बिना इंटरनेट के कैशलेस व्यवस्था सिर्फ हवाबाजी

जागरण संवाददाता, सोनीपत: कैशलेस सिस्टम बनाने का सपना देख रही सरकार के अधिकारी ही बेफिक्र हैं। डीसी अधिकारियों की बैठक लेकर सरकारी कार्यालयों में फीस आदि जमा करने के लिए स्वैप मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन तहसील से लेकर एसडीएम कार्यालय, आरटीए व दूसरे विभागों में मशीनों की समुचित व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। जमीनी हकीकत से अनजान अधिकारी महज खानापूर्ति में मशगूल हैं। जिले के करीब 300 गांवो में इंटरनेट की व्यवस्था तक नहीं है। लोगों में कैशलेश के बारे में जागरुकता भी नाममात्र ही है।

loksabha election banner

------

आगे की राह से बैंक अधिकारी भी अनजान

बैंक अधिकारी भी आगे की राह से अनजान हैं। जिले में 304 बैंक शाखाएं हैं, जिनके 284 एटीएम लगे हुए हैं। इन एटीएम से रोजाना कितना लेन-देन होता है, इसका आंकड़ा न तो स्टेट बैंक के पास है और न ही लीड पंजाब नेशनल बैंक के पास। ऐसे में हर दिन होने वाले कुल कारोबार का कितना फीसद कैशलेस हो रहा है, यह जानना तो दूर की बात है।

--------

जागरूकता का है अभाव

डेबिट-क्रेडिट कार्ड, मोबाइल मनी अथवा एटीएम के जरिए भुगतान का चलन कम ही हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह व्यापारियों का जागरूक न होना भी है। वोडाफोन, एयरटेल, आइडिया जैसी कंपनियां मोबाइल मनी सुविधा दे रही हैं, लेकिन इसका चलन अभी तक सिर्फ मोबाइल और डीटूएच रीचार्ज में ही किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले दिनों पेटीएम के कई विकल्प आए हैं लेकिन लोगों को इसका उपयोग ही नहीं करना आता।

---------

ग्रामीण बैंकों में घंटों कटा रहता है इंटरनेट

ग्रामीण क्षेत्र में खुली बैंकों की शाखा में इंटरनेट की स्थिति बेहद ¨चताजनक है, जिसके चलते ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में घंटों इंटरनेट कनेक्शन कटा रहता है, जिसे काम प्रभावित होता है। जबकि कैशलेस व्यवस्था तो पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर है। समुचित व्यवस्था के अभाव में जिले को कैशलेस बनाना अभी दूर की बात है। प्रशासनिक अधिकारी जैसे-तैसे खानापूर्ति में मशगूल हैं। जिले के 323 गांवों में महज दो दर्जन गांवों में ही इंटरनेट बिछी है।

----

असुरक्षा से हिचकिचाहट

ई-पेमेंट से हिचकिचाने की वजह भी हैं। एटीएम से अथवा ऑनलाइन रकम गायब होने की शिकायतें होती हैं, लेकिन बैंकों से लेकर पुलिस तक का साइबर सेल इतना लचर और अशिक्षित है कि वह शातिर अपराधियों को तलाश करने में फिसड्डी बना हुआ है। ऐसे अपराधों की एफआइआर तक नहीं लिखी जातीं है। साइबर कानून जब तक प्रभावी तरीके से लागू नहीं होगा, लोगों का ई-पेमेंट पर भरोसा नहीं होगा।

--------

वर्जन

ऑनलाइन कैशलेस सोसायटी की ओर देश बढ़ रहा है। जिले में एटीएम सेवाएं तेजी से बढ़ी हैं। बैंक ट्रांजेक्शन को अधिक सुरक्षित माना जा रहा है। फिर भी यह नकद भुगतान की तुलना में काफी कम है। जनधन योजना, आधार कार्ड आदि योजनाओं से रफ्तार से कम हुआ है। इसका असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा।

नरेंद्र शर्मा, लीड बैंक मैनेजर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.