¨सगल रूफ सिस्टम में उद्योग लगाने को प्रदेश की पहली एनओसी जारी
जागरण संवाददाता, सोनीपत: प्रदेश में उद्योगपतियों को जमीन की सीएलयू देने के लिए लागू किए गए नए निय
जागरण संवाददाता, सोनीपत:
प्रदेश में उद्योगपतियों को जमीन की सीएलयू देने के लिए लागू किए गए नए नियमों के तहत सोनीपत में शुक्रवार को प्रदेश की पहली एनओसी जारी की गई। उद्योगपति द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के एक माह के अंदर ही 51 विभिन्न विभागों द्वारा अपनी अनुमति दे दी गई। शुक्रवार को लघु सचिवालय में उपायुक्त के मकरंद पांडुरंग की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय क्लियरेंस कमेटी की मी¨टग में संबंधित उद्योगपति को जमीन की एनओसी का प्रमाण पत्र उसे सौंप दिया गया।
वीरेंद्र कुमार ने सफियाबाद गांव में एक एकड़ जमीन में उद्योग लगाने के लिए 29 जून को साधारण फार्म पर ऑनलाइन आवेदन किया था। मामले को जिला स्तरीय क्लियरेंस कमेटी के सामने प्रस्तुत किया गया। तीन मी¨टगों में उद्योगपति के 51 विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र एक ही छत के नीचे जारी कर दिए गए। अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद जिला स्तरीय मी¨टग में मामले को लाया गया और उद्योगपति को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर उद्योग लगाने की अनुमति प्रदान कर दी गई। नई नीति लागू होने के बाद सोनीपत जिला में सबसे पहले यह सीएलयू जारी की गई है।
एक एकड़ व 10 करोड़ के प्रोजेक्ट की सीएलयू:
नई नीति के तहत भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए और प्रदेश में उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिए यह नीति लागू की गई है। नई उद्योग नीति की इस योजना के तहत एक एकड़ जमीन और 10 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए सीएलयू की मंजूरी जिला स्तरीय कमेटी को सौपी गई है। इसके उद्योगपति को सीएलयू व विभिन्न कार्यों के लिए न तो चंडीगढ़ के चक्कर लगाने पड़ते और न ही किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नहीं खाने पड़े धक्के:
प्रदेश की पहली सीएलयू प्राप्त करने वाले वीरेंद्र कुमार ने बातचीत में बताया कि वह काफी समय से उद्योग लगाना चाहता था। दिक्कत यह थी कि जिस जमीन पर वह उद्योग लगाना चाहता था वह कृषि भूमि थी। इस जमीन का चेंज आफ लैंड यूज (सीएलयू) करवाने के लिए वह बार-बार चंडीगढ़ के चक्कर लगाता रहा। इसके बाद जब उसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा घोषित की गई नई नीति की जानकारी मिली तो उसने ऑनलाइन आवेदन किया।