Move to Jagran APP

जाटों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार

जागरण संवाददाता, सोनीपत : खाप चौधरियों के निशाने पर भाजपा सरकार और यशपाल मलिक एक साथ आए। रविवा

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 08:12 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 08:12 PM (IST)
जाटों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

loksabha election banner

खाप चौधरियों के निशाने पर भाजपा सरकार और यशपाल मलिक एक साथ आए। रविवार को खाप चौधरियों ने कहा कि सरकार जाटों की मांगों को हलके में ले रही है, इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि उनके पास 31 अगस्त तक इंतजार करने का समय नहीं है, सरकार तुंरत उनकी मांगों को लेकर स्थिति स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि एक जुलाई को दहिया खाप के चबुतरे पर पंचायत आहूत की गई है, इसमें अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। खाप नेताओं ने यशपाल मलिक को भी आड़े हाथों लिया और बोले की वह तो भाजपा सरकार का मोहरा है।

पत्रकारों से बातचीत में दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया, 360 तपा खत्री के प्रधान राजेंद्र खत्री, सरोहा खाप के प्रधान रणधीर सरोहा, जाट आरक्षण संघर्ष समिति के महासचिव ब्रह्म ¨सह दहिया तथा जिलाध्यक्ष महेंद्र ¨सह मोर ने संयुक्त रूप से कहा कि जाटों को गुमराह करने के लिए यशपाल मलिक ने 5 जून को अनशन रखा था। उन्होंने कहा कि मलिक भाजपा के मोहरे के तौर पर काम कर रहे हैं। जब खाप और जाट प्रतिनिधियों ने सरकार से एक माह में सारे मसले हल करने का फैंसला कर लिया था, तो यह अनशन क्यों किया गया। अगर अनशन किया, तो फिर वापस क्यों लिया और दो माह का समय क्यों दिया ? यह सारी कहानी साफ करती है कि कहीं ना कहीं इस पूरे मामले को लटकाने का प्रयास किया जा रहा है।

खाप नेताओं ने कहा कि सरकार तुंरत प्रभाव से उनकी मांगों पर गति प्रदान करे। सारे युवाओं को मुआवजा दिया जाए और जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सारे मुकदमे एक ही थाने में स्थानांरित किए जाएं। जिससे इनकी सही ढंग से खाप चौधरी पैरवी कर सकें। एक जुलाई को सिसाना गांव में दहिया खाप के चबूतरे पर बैठक बुलाई गई है, इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यशपाल मलिक को चेताया कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वह बैठक में आकर दिखाएं, उनका सम्मान हम करेंगे। मलिक ने हमेशा दोगली राजनीति की है। मुजफ्फरनगर दंगों के समय जब जाट बिरादरी के 6200 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ, तो यही मलिक मैदान छोड़कर भाग निकले थे। इतना ही नहीं मय्यड में जाट युवा की मौत के बाद भी मलिक भूमिगत हो गए थे।

उन्होंने कहा कि मलिक खाप के दोनों प्रधान ही इन्हें किसी रूप में स्वीकार नहीं करते हैं, तो फिर इनकी मौजूदगी का क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोगों को साथ लेकर मलिक यहां का माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। खाप नेताओं ने कहा कि किसी को भी खापों के बारे में बयानबाजी करने की छूट नहीं दी जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.