पानी की टंकी ढकने के लिए स्कूल ने बेच दी रद्दी
-बीइओ ने मुख्याध्यापक से मांगा स्पष्टीकरण जागरण संवाददाता, बरोदा: गांव सिवानका के राजकीय उच्च
-बीइओ ने मुख्याध्यापक से मांगा स्पष्टीकरण
जागरण संवाददाता, बरोदा:
गांव सिवानका के राजकीय उच्च विद्यालय में पानी की ढंकी को ढकने के लिए विद्यालय के शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन समिति ने रद्दी को बेच दिया। रद्दी में कुछ किताबें भी बेचने पर विवाद बढ़ गया। किसी ने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी (बीइओ) को शिकायत कर दी। बीइओ ने स्कूल के मुख्याध्यापक से स्पष्टीकरण मांग लिया।
गांव सिवानका के राजकीय उच्च विद्यालय में पानी की टंकी खुली पड़ी हुई है। इस टंकी से ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और शिक्षक पानी पीते हैं। यह टंकी कई माह से खुली पड़ी हुई थी। टंकी पर ढक्कन लगवाने के लिए स्कूल के पास बजट नहीं था। स्कूल प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन समिति ने टंकी पर ढक्कन लगवाने के लिए स्कूल में पड़ी रद्दी को बेचने का निर्णय लिया। मंगलवार को कबाड़ी को बुला कर रद्दी बेच दी गई। रद्दी में कबाड़ी को कुछ किताबें भी दे दी गई। इस संबंध में किसी ने बीइओ को शिकायत कर दी। बीइओ ने मुख्याध्यापक से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांग लिया।
क्या बोले मुख्याध्यापक:
मुख्याध्यापक रामकरण ने कहा कि स्कूल की टंकी ऊपर से खुली पड़ी हुई थी। विद्यालय प्रबंधन समिति ने पानी की टंकी को ढकने के लिए कहा था। समिति सदस्यों को बजट न होने की बात कही गई। इस पर समिति ने स्कूल की रद्दी को बेच कर टंकी पर फाइबर की सीट लगाने की बात कही। रद्दी में कुछ पुरानी किताबें धोखे से चली गई। ये किताबें तीन-चार साल पुरानी हैं। रद्दी बेचने से पहले भी किताबों की जांच कराई गई थी। कोई भी नई किताब रद्दी में नहीं दी गई है।