Move to Jagran APP

गुरु के बिना परम ज्ञान उपलब्ध नहीं हो सकता : दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, सोनीपत : माडल टाऊन स्थित श्री दिव्य गीता कुटीर में आयोजित किए जा रहे छह दिवसीय ग

By Edited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 08:16 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 08:16 PM (IST)
गुरु के बिना परम ज्ञान उपलब्ध नहीं हो सकता : दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

prime article banner

माडल टाऊन स्थित श्री दिव्य गीता कुटीर में आयोजित किए जा रहे छह दिवसीय गीता विहारी प्रकटोत्सव एवं गीता ज्ञान महोत्सव का रविवार को समापन हो गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में आश्रम प्रभारी सुभाष मदान, डा.आर.आर. मित्तल, सुरेश खुराना, श्याम छाबड़ा, नंदिनी मित्तल तथा हरीश कामरा ने माल्यार्पण कर स्वामी दिव्यानंद जी महाराज का आशीर्वाद लिया। सदगुरु पादुका पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि कहने को तो प्रत्येक ज्ञान में गुरु की अनिवार्य उपयोगिता है परंतु ब्रहम ज्ञान तथा आत्म ज्ञान के लिए तो गुरु उपासना अनिवार्य है। गुरु के बिना परम ज्ञान उपलब्ध नहीं हो सकता। हमारा जीवन मां के साथ शुरू होता है। इस संसार में हम मां के माध्यम से आते हैं ¨कतु हमारा दूसरा जन्म गुरु के माध्यम से होता है। गुरु हमें परम तत्व के साथ जोड़ते हैं। स्वामी दिव्यानंद जी ने कहा कि गुरु न केवल हमें ज्ञान से भरते हैं अपितु हमारे भीतर जीवन ऊर्जा की ज्योति भी जलाते हैं। गुरु की उपस्थिति में शिष्य और भी अधिक जीवंत हो उठता है। गुरु ही वेद और पुराणों के महत्व को समझाता है। जिस प्रकार दर्पण पर पड़ी धूल दर्पण को ढक लेती है और अग्नि को धुआं ढक लेता है। उसी प्रकार शिष्य का अज्ञान ही उसके ज्ञान को ढक लेता है। लेकिन जब शिष्य पर योगी गुरु की कृपा होती है तब शिष्य गुरु के दिए हुए अमूल्य ज्ञान द्वारा अपने भीतर के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु स्वयं प्रकाश के रूप में होते हैं। गुरु का संग करने से पहले शिष्य अज्ञानी एवं बहुर्मुखी होता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गुरु मार्ग दर्शक की भूमिका अदा करते हुए मानव प्राणी को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK