Move to Jagran APP

पैकेज टू---खुरपी व बल्लम से ही खोद डाली सौ फीट लंबी सुरंग!

- बैंक में सुरंग मामला - जागरण टीम ने सुरंग में घुसकर लिया जायजा - भूमिगत टेलीफोन लाइन को

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 07:58 PM (IST)
पैकेज टू---खुरपी व बल्लम से ही खोद डाली सौ फीट लंबी सुरंग!

- बैंक में सुरंग मामला

loksabha election banner

- जागरण टीम ने सुरंग में घुसकर लिया जायजा

- भूमिगत टेलीफोन लाइन को नहीं छेड़ा सेंधमारों ने

- रास्ते में आई नींव के नीचे लगाए लकड़ी के फट्टे

शांतिभूषण/परमजीत, गोहाना:

बैंक में सुरंग खोदकर करोड़ों के आभूषण चुरा पुलिस की नींद उड़ा देने वाले गिरोह ने वारदात में देसी तकनीक का इस्तेमाल किया था। खुरपी, बल्लम तथा लकड़ी के फट्टों से लैस सेंधमारों ने पूरे इत्मीनान के साथ घटना को अंजाम दिया। जागरण टीम ने बुधवार को सुरंग में घुसकर स्थिति का जायजा लिया। इसमें खुलासा हुआ कि सेंधमारों के पास ड्रिल मशीन या विद्युत संचालित अन्य कोई उपकरण नहीं था। जांच में पता चला है कि पिछले कई साल से खंडहरनुमा मकान की बिजली कटी पड़ी है। आशंका जताई जा रही है कि सेंधमारों द्वारा लॉकर रूम तक पहुंचने के लिए दिशा सूचक यंत्र का प्रयोग किया गया था।

सुरंग में 40 फीट अंदर पहुंची जागरण टीम

बुधवार को दैनिक जागरण की टीम पहुंची उसी खंडहरनुमा मकान में जहां सेंधमारों ने सुरंग खोदना शुरू किया था। देखा तो पता चला फर्श को तोड़कर करीब साढ़े तीन फीट व्यास का गढ्ढा खोदा गया था। उसकी गहराई करीब चार फीट थी। टॉर्च और मोबाइल फोन लेकर संवाददाता जब सुरंग में उतरा तो अंदर पसरा अंधेरा और सन्नाटा बेहद डरावना लग रहा था।

सीधी खोदी गई थी सुरंग

धीरे धीरे संवाददाता ने सुरंग में आगे बढ़ना शुरू किया। सुरंग एकदम सीधी जा रही थी। करीब पांच फीट चलने पर मिट्टी की नमी कपड़ों पर साफ महसूस होने लगी थी। पंद्रह फीट आगे जाने पर एक टेलीफोन की लाइन गुजर रही थी। सेंधमारों ने कड़ी सफाई से टेलीफोन लाइन के नीचे से रास्ता बनाया था। शायद उन्हें डर था कि लाइन कट गई तो फोन ठप होने से उनकी चोरी पकड़ी जा सकती है।

नींव के नीचे लगाए लकड़ी के फट्टे

टॉर्च के सहारे अंधेरे में संभल संभलकर संवाददाता आगे बढ़ रहा था। करीब पच्चीस फीट आगे जाने पर सुरंग में ऊपर से कुछ ईटों के अंश नजर आए। थोड़ी मिट्टी भी वहां निकली पड़ी थी। इस स्थान पर ईटों के नीचे सहारे के लिए लकड़ी के फट्टे लगे थे। इन्हें सेंधमारों ने ही लगाया था। ध्यान से देखने पर पता चला कि यह किसी भवन की नींव थी। सेंधमारों को मालूम था कि यदि नींव के नीचे लकड़ी के फट्टे का सहारा नहीं दिया गया तो कोई हादसा भी हो सकता है। इससे माना जा रहा है बदमाशों को इलाके की भौगोलिक स्थिति की भलीभांति जानकारी थी। इसलिए वह लकड़ी के फट्टे भी अपने साथ लेकर आए थे।

खुरपी व बल्लम के मिले निशान

पूरी सुरंग के निरीक्षण के दौरान जागरण टीम को सुरंग की दीवारों पर बने खुरपी व बल्लम के निशान साफ नजर आ रहे थे। सेंधमारों ने इनके इस्तेमाल से ही खोदाई की थी।

बीच में छोड़ी मिट्टी

थोड़ा आगे बढ़ने पर संवाददाता को हल्का सा मोड़ मिला। इसके बाद फिर सुरंग सीधी दिशा में थी। कुछ आगे चलने पर सुरंग में काफी मिट्टी पड़ी मिली। लग रहा था कि चोरों ने मिट्टी को निकालने में लगने वाले समय से बचने के लिए उसे वहीं पड़ा छोड़ दिया था। चालीस फीट तक अंदर जाने पर तापमान काफी बढ़ने लगा था। बैंक की तरफ से सुरंग का मुंह बंद होने के कारण आखिर तक पहुंचना भी संभव नहीं था। यह देखकर संवाददाता पीछे की तरफ लौट आया।

खंडहरनुमा भवन में नहीं है बिजली व्यवस्था

जागरण टीम ने पाया कि जिस मकान से सुरंग खोदी गई थी उसमें बिजली कनेक्शन नहीं है। स्थानीय लोगों ने यहां किसी प्रकार की रोशनी देखे जाने या जनरेटर आदि चलने की बात से भी इंकार किया है। इससे अब पुलिस भी मान रही है कि खोदाई में मशीनों का इस्तेमाल नहीं हुआ।

सभी पहलुओं पर कर रहे हैं जांच

पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। खोदाई में खुरपी व बल्लम का इस्तेमाल होने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में पड़ताल की जा रही है।

राजीव सिंह, डीएसपी गोहाना,

----


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.