लीड---प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित नहीं करने पर किसानों ने किया प्रदर्शन
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-भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के प्रति रोष जताया
जागरण संवाददाता, गोहाना :
हरियाणा प्रदेश को अभी तक सूखाग्रस्त घोषित न किए जाने पर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से जुड़े किसानों ने बुधवार को केंद्र सरकार के प्रति रोष प्रकट किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि कम बारिश होने के चलते किसानों को सभी फसलों में भारी नुकसान हुआ है। यूनियन नेताओं ने सरकार से अविलंब प्रदेश को सूखा ग्रस्त घोषित करने की माग की।
गाव कथूरा में भाकियू के बैनर तले एकत्रित होकर किसानों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे यूनियन के रोहतक मंडल के अध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि इस बार हरियाणा में अभी तक औसत से 65-70 प्रतिशत कम बारिश हुई है। कुछ जगह तो ऐसी है जहा इससे भी कम बारिश हुई है। प्रदेश में सूखे के चलते किसानों की धान, गन्ना, ज्वार व कपास की फसलें बर्बाद हो गई है। किसान भले राम, कुलदीप, राम करण व बलवान नरवाल ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार द्वारा अभी तक प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया है। भलेराम ने कहा कि काफी किसानों ने 30 से 35 हजार रुपये प्रति एकड़ जमीन ठेके पर लेकर धान की फसल की रोपाई कर रखी है। धान की फसल में सिंचाई करने के लिए हजारों रुपये प्रति एकड़ डीजल पर खर्च हो चुके है। बारिश के अभाव में किसानों को धान के साथ-साथ कपास, ज्वार व गन्ने की फसल में भारी नुकसान हुआ है। सूखे के चलते कुछ किसानों के खेत खाली पड़े है। कुलदीप ने कहा कि गोहाना क्षेत्र में कम बारिश का पिछले 27 साल का रिकार्ड टूटा है। किसानों ने प्रदेश को अविलंब सूखाग्रस्त घोषित करके किसानों को प्रति एकड़ 40 हजार रुपये मुआवजा देने और किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर डीजल देने की माग की। इस मौके पर वीरेद्र सिंह, रणधीर, सुरेश सैन, लीलाराम, रवि कुमार, रतन सिंह सैनी आदि मौजूद थे।