धर्म तोड़ता नहीं बल्कि जोड़ता है: वरुण
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- मंडी स्थित जैन स्थानक में धाíमक कार्यक्रम आयोजित
जागरण संवाददाता, सोनीपत :
वरुण मुनि ने कहा कि धर्म के नाम पर आज बहुत तनाव है। बड़े दंगे-फसाद हो रहे है, बड़ी ¨हसा हो रही है। कारण है कि अभी हमने धर्म के सही स्वरूप को नहीं समझा, क्योंकि धर्म तोड़ता नहीं बल्कि जोड़ता है। धर्म दीवार नहीं अपितु द्वार है। वे मंगलवार को मंडी स्थित जैन स्थानक में आयोजित धाíमक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग धर्म को संप्रदायवाद का जामा पहनाकर अपनी-अपनी डफली बजा रहे है। प्रभु महावीर ने वस्तु के स्वभाव को ही धर्म बताया है। जैसे पानी का स्वभाव शीतलता है, अग्नि का स्वभाव उष्णता है, उसी तरह आत्मा का स्वभाव समभाव है। जहा न राग है, न द्वेष है। उन्होंने बताया कि आत्मा का स्वभाव ज्ञान व दर्शन है। हम अपने स्वभाव में होते है तो हम धर्म में है या धर्म हमारे भीतर है। क्रोध, मोह, माया, लोभ आदि जितने भी विकार है वे सब विभाव है और जब-जब हम विभाव की दशा में होते है तब-तब जीवन में द्वद्व व तनाव पैदा होते है। विभाव से स्वभाव में आना ही धर्म है। इस दौरान पंकज मुनि, पुनीत मुनि, विवेक मुनि, रूपेश मुनि ने भी प्रवचन किए। इस मौके पर प्रधान सुरेश जैन, महामंत्री त्रिलोक जैन, मंत्री नरेश जैन, कोषाध्यक्ष पवन जैन, वकील जैन, विनोद जैन, विजय वर्मा आदि मौजूद थे।