Move to Jagran APP

महिला उत्पीड़न पर नहीं लग पा रही लगाम

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 05:51 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 05:51 PM (IST)
महिला उत्पीड़न पर नहीं लग पा रही लगाम

फोटो: 36, 37

loksabha election banner

-सात माह में दुष्कर्म के 41 मामले हुए दर्ज

-दहेज प्रताड़ना के खिलाफ भी सामने आने लगी महिलाएं

-इस वर्ष जिले में दर्ज हुए 98 मामले

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

एक समय था जब महिलाएं दुष्कर्म व दहेज प्रताड़ना का शिकार होने के बावजूद इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाती थी। आरोपियों के खिलाफ नाममात्र की महिलाएं ही सामने आती थी। उसके विपरीत आधुनिकता के साथ वर्तमान में महिलाएं भी उत्पीड़न के प्रति ज्यादा मुखर हो गई हैं। खासकर दहेज प्रताड़ना के खिलाफ महिलाओं का स्वर कुछ अधिक ही तीखा होने लगा है। महिलाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ने से अब वे अपने खिलाफ किसी प्रकार के अन्याय को सहन करने के बजाय उसके खिलाफ उठ खड़ी होती हैं। शिक्षा का स्तर बढ़ने के बाद भी महिला उत्पीड़न के मामले कम नहीं हो रहे।

दुष्कर्म के मामले लगातार आ रहे सामने

जिले में दुष्कर्म जैसी वारदात थम नहीं पा रही। इस वर्ष जिले में सात माह के अंतराल में दुष्कर्म के करीब 41 मामले दर्ज किए गए हैं। जागरूकता कार्यक्रम से लेकर अन्य प्रयासों के बावजूद दुष्कर्म के मामलों पर लगाम नहीं लग पा रही है। दूसरी ओर अब पीड़ित महिलाएं खुल कर आरोपियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के लिए सामने आने लगी हैं। जिले में दुष्कर्म की वारदात जहां पुलिस प्रशासन को कड़ी चुनौती दे रही है, वहीं इस तरह की घटनाएं सामाजिक स्तर पर चिंता का विषय बनती जा रही है। विकृत मानसिकता के लोग कोई सबक नहीं ले रहे हैं। कई मामले बेहद चौंकानेवाले हैं। इसमें नौवीं कक्षा की छात्रा से छह युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म, फिरोजपुर बांगर में नाबालिग को खुदपिता द्वारा हवस का शिकार बनाया जाना, बंदेपुर में मात्र डेढ़ वर्ष की बच्ची के साथ उसके चाचा द्वारा दुष्कर्म, जैनपुर में पड़ोसी द्वारा मंदबुद्धि युवती से दुष्कर्म और हेमनगर में सेवानिवृत्त शिक्षक द्वारा नाबालिग नौकरानी से बंधक बनाकर दुष्कर्म किए जाने का मामला भी शामिल है।

दहेज प्रताड़ना में नहीं आ रही कमी

सामाजिक स्तर पर प्रयास व पुलिस की जागरूकता के बावजूद दहेज प्रताड़ना के मामले लगातार सामने आ रहे है। जिले में सात माह में करीब 98 मामले सामने आए हैं। जिनकी रोकथाम के लिए महिलाओं को दूसरी महिलाओं की मदद के लिए सामने आना होगा।

सजगता से ही लाई जा सकती है महिला अपराध में कमी

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी भानू गौड़ का कहना है कि महिला अपराध के मामलों में महिलाओं को सजग होना होगा। इसके लिए उनके विभाग के साथ ही विभिन्न संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। महिलाओं के अंदर आ रही जागरूकता के कारण ही वे अब ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा किए जा रहे अत्याचार को सहन करने के बजाय उसके खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। साथ ही दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर पहल होनी चाहिए।

उत्पीड़न सहन न करें महिलाएं : प्रोमिला

महिला थाना प्रभारी प्रोमिला कहती है कि महिलाओं को उत्पीड़न किसी सूरत में सहन नहीं करना चाहिए। महिलाएं इस संबंध में सीधे उनके पास आकर अपनी शिकायत दे सकती है। दुष्कर्म के मामलों को रोकने को लेकर पुलिस लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। पुलिस गांवों व शहर में जाकर लोगों को महिला उत्पीड़न के प्रति जागरूक कर रहे हैं। महिला हेल्पलाइन-1091 शुरू की गई है। पुलिस महिला उत्पीड़न से सख्ती से निपट रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.