मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ग्रामीण
फोटो : 21 से 33
चलो गाव की ओर..गाव बरोदा
आबादी लगभग 22 हजार
पुरुष 12 हजार
महिलाएं 10 हजार
क्षेत्र में तीन मुख्य धार्मिक स्थलों वाले गाव बरोदा में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गाव के ढाब वाला मंदिर, गोसाईं वाले मंदिर और जवाहर वीर गोगा महाराज के पवित्र धाम वाले इस गाव में पीने के पानी व बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं। गाव की गलियों से निकलने वाला गंदा पानी भी तालाबों में जाकर गिर रहा है, इससे तालाब का पानी भी पशुओं के पीने के लायक नहीं बचा है। समस्याओं के समाधान को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया जा चुका है लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। शासन व प्रशासन के उपेक्षित रवैये से गांव के लोगों में रोष है।
गाव का इतिहास
गाव बरोदा वर्ष 986 में बसा था। बताया जाता है कि यह गाव दादा गागड़ ने बसाया था। इस गाव और आहुलाना गाव के लोगों में हमेशा कई बातों को लेकर मतभेद रहता था। इसके बाद इस गाव का नाम विरोधिया और फिर बधरोधिया से प्रचलित हुआ। अंत में इस गाव का नाम बरोदा पड़ गया। यह काफी बड़ा गाव है। इसी गाव के नाम से ही बरोदा हलका बना है। इस गाव में मुख्य रूप से तीन धार्मिक स्थल है जिनमें ढाब वाला मंदिर, गोसाईं वाला मंदिर और जवाहर वीर गोगा का धाम है। इस गाव ने कुश्ती के क्षेत्र में काफी पहलवान भी दिए है, जिनमें से मुख्य रूप से पहलवान राजेंद्र भी रहे है। यह गाव गोहाना शहर से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर है। गाव में पशु हास्पिटल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा अनेक सरकारी व निजी स्कूल संचालित है।
गाव की तीन प्रमुख समस्या
गाव बरोदा में मुख्य रूप से आहुलाना माइनर व बरोदा माइनर की टेल लगती है। दोनों ही माइनरों पर टेल तक नहरी पानी नहीं पहुचता है। इससे किसानों को फसलों में कई बार भारी नुकसान होता है। टेल पर पानी न पहुचने से किसानों के खेत भी कई बार सूखे रह जाते है।
दूषित पानी से हो रही परेशानी
गाव की गलियों के दूषित पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। गलियों का दूषित पानी पशु तालाबों में जाकर गिरता है। इससे तालाब का पानी खराब हो गया है। ग्रामीणों को तालाब में पशुओं को पानी पिलाने में परेशानी हो रही है। तालाब का पानी खराब होने से लोगों को मजबूरी में अपने घरों में पशुओं को नहाने के साथ पानी पिलाना पड़ता है।
गांव में रहती है बिजली की किल्लत
गाव में बिजली की किल्लत से ग्रामीण परेशान रहते है। गाव बड़ा होने के चलते अपेक्षाकृत अधिक लोड होने से बिजली की आपूर्ति सुचारु ढग से नहीं हो पाती है। कम वोल्टेज के चलते ग्रामीण अपना काम नहीं कर पाते है। मजबूरी में ग्रामीणों को दो फेजों में तार जोड़कर बिजली के उपकरण चलाने पड़ते है। ऐसे में कई बार अधिक वोल्टेज होने से बिजली उपकरण भी जल जाते है।
''गाव में नालों की कभी भी समय पर सफाई नहीं होती है। नाले गंदगी से अटे पड़े होने के चलते सुचारु ढग से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। नालों में सड़ रहे पानी में मच्छर पनपते है, जिससे बीमारिया भी फैल रही है। नालों पर स्लैब भी नहीं डाले गए है, जिससे हादसे होने की आशंका बनी रहती है। सरपंच ने भी नालों की अच्छी व्यवस्था को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए।'
ग्रामीण बिजेंद्र
''गाव में कभी कभार ही नालियों की सफाई करवाई जाती है। जब नालियों की सफाई होती है तो कचरे को साथ में ही डाल दिया जाता है। कचरे का समय पर उठान नहीं होता है और वही कचरा दोबारा नालियों में चला जाता है। नालियों में पानी सड़ने से जबरदस्त दुर्गध मारती है जिससे ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है।'
राज,ग्रामीण
''गाव में पेयजल की भी भारी समस्या है। ग्रामीणों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी को इधर-उधर से जुटाना पड़ता है। गाव में जल घर भी बने है, जिसके बाद पूरे गाव में पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाती है। पेयजल की समस्या के चलते ग्रामीणों को इधर-उधर से पीने का पानी जुटाना पड़ रहा है।'
अनिल,ग्रामीण
''गाव की गलियों से निकलने वाले दूषित पानी की निकासी की ठोस योजना बनाई जानी चाहिए। गलियों का दूषित पानी पशुओं के तालाब में जाकर गिरता है। गाव में चार-पाच तालाब है जिन सभी में नालियों का पानी गिरता है। तालाबों का पानी दूषित होने से पशुओं के बीमार होने की आशंका बनी रहती है। प्रशासन किसी दूसरे तालाब की खुदाई करवाए जिसमें गलियो का दूषित पानी गिराया जा सके।'
जोगेंद्र सिंह,ग्रामीण।
''गाव में किसानों को उनके हिस्से का पर्याप्त नहरी पानी नहीं मिल रहा है। गाव में आहुलाना व बनवासा माइनर की टेल लगती है। गर्मी के दिनों में टेल पर पूरा नहरी पानी नहीं पहुच पाता है। इससे किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। सिंचाई विभाग को टेल तक नहरी पानी पहुचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।'
राजेश,ग्रामीण
''गाव में बिजली की भारी परेशानी है। गाव की आबादी अधिक होने के चलते ओवरलोड की समस्या बनी रहती है। गाव में जब भी बिजली की सप्लाई आती है वोल्टेज बहुत कम होती है। वोल्टेज कम होने के चलते बिजली उपकरण सही ढग से नहीं चल पाते है। गाव में पूरे दिन में लगभग दस-बारह घटे बिजली की सप्लाई आती है। शेडयूल में भी कई बार अघोषित कट लग जाते है।'
विजयपाल,ग्रामीण
''गाव के विकास को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है और गाव में काफी काम हुए भी है। गाव की अधिकतर गलिया पक्की हो चुकी है। बरोदा से बुटाना की तरफ जाने वाले मार्ग का काम चला हुआ है। इस मार्ग का चौड़ीकरण होगा। गाव में माइनरों पर टेल तक पानी नहीं पहुचता है, अगर इस समस्या का समाधान हो जाए तो किसानों को काफी लाभ हो सकता है।'
चंद्र देवी,सरपंच
''गांव बरोदा में बिजली की समस्या का समाधान करने को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे है। कम क्षमता के ट्रासफार्मरों की जगह अधिक क्षमता के ट्रासफार्मर भी लगवाए गए हैं। गाव बरोदा के साथ वाले गाव खानपुर खुर्द में नया पावर हाउस बनेगा, जिसकी नींव भी रखी जा चुकी है। यह पावर हाउस बनने के बाद गाव बरोदा में भी बिजली की कोई समस्या नहीं रहेगी।'
एसके चावला,कार्यकारी अभियंता।