ओम नम : शिवाय :शिव-हनुमान मंदिर
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सोनीपत शहर के गोहाना रोड स्थित पुलिस लाइन के सामने प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर अपनी अनुपम छटा के कारण आसपास के क्षेत्र में बेहद प्रसिद्ध है। सुबह और शाम की पूजा के बाद यहां भक्तगण आकर प्रभु स्मरण में रत रहते हैं।
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इतिहास :-
गांव ब्राह्माणान के रकबे की भूमि पर बसा यह शिव-हनुमान मंदिर करीब 50 वर्ष पुराना है। पौराणिक मान्यता है कि मंदिर परिसर में सिर्फ हनुमान जी की एक मूर्ति थी, जिसे कुछ समय बाद छत डालकर मंदिर का रूप दिया गया। इसके उपरांत यहां शिव परिवार को प्राण प्रतिष्ठा व अनुष्ठान के साथ स्थापित किया गया। यह सब गांव के श्रद्धालु ग्रामीणों ने किया। जब आसपास शहरीकरण हावी हुआ तो इसे व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए मंदिर कमेटी बनाई गई। मंदिर में सुविधाओं को बढ़ाना, देखरेख, साफ सफाई व पंचांग अनुसार विभिन्न धार्मिक आयोजन कराने का भार कमेटी पर ही निर्भर है।
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तैयारियां :-
प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर प्रबंधन कमेटी ने कांवड़ियों के लिए विशेष प्रबंध किए हुए हैं। शिवभक्तों के लिए नियमित रूप से भंडारा चल रहा है, जिसमें गढ़ी ब्राह्माणान व अन्य श्रद्धालुओं का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा अभी से शिवरात्रि व जन्माष्टमी की तैयारियां भी की जा रही है।
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मंदिर पहुंचने का रास्ता :-
शिव-हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए बस स्टैंड परिसर से कोर्ट परिसर को चलने वाली बस व ऑटो पकड़कर पुलिस लाइन परिसर पहुंचें। यहां उतरकर सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं। ठीक इसी तरह रेलवे स्टेशन से भी तिपहिया पकड़कर गोहाना रोड पुलिस लाइन परिसर पहुंचें। मंदिर इसके बिल्कुल निकट है।
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मंदिर में सुबह 4:30 बजे मंगल आरती होती है। इसके उपरांत शिव आरती की जाती है। शिव अभिषेक से मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालु कल्याण आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शाम को भी सुबह जैसी ही पूजा अर्चना होती है। मंदिर में आने वाले भक्तों को पंचांग तिथियों की जानकारी व व्रतों के लाभ व पुण्य से अवगत कराया जाता है।
- पं. परशुराम कौशिक, मंदिर के पुजारी।
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कमेटी का कार्य मंदिर में सुविधाओं को बढ़ाना है। मंदिर की चारदीवारी कराई गई। इसमें त्रिवेणी के पेड़ हैं। केले का बड़ा पेड़ है। मीठे पानी की व्यवस्था है। जरूरतमंदों को ठहराने के लिए मंदिर प्रांगण में विशेष व्यवस्था है।
- सुखबीर सिंह, मंदिर कमेटी के प्रधान।