गरीब बच्चों के प्रवेश पर गतिरोध बरकरार
-छात्र अभिभावक संघ ने किया प्रदर्शन, नगराधीश को सौंपा मांगपत्र
-द्विपक्षीय बातचीत के बावजूद 134ए को लेकर कोई समाधान नहीं
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जागरण संवाददाता, सोनीपत : निजी स्कूलों में 134ए धारा के तहत गरीब परिवार के बच्चों को प्रवेश का मामला गरमा गया है। यह मामला यहां जिले में उफान पर है। छात्र अभिभावक संघ के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया और नगराधीश को मांगपत्र दिया। उनकी शिकायत थी कि रविवार की द्विपक्षीय बैठक के बाद भी कुछ स्कूल संचालक बच्चों को परेशान कर रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग लापरवाही करने वाले स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
नगराधीश नीशु सिंगला ने अभिभावकों से कहा कि उनकी शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्रवाई नहीं करेंगी तो वह खुद मामले पर कदम उठाएंगी। इसके बाद उन्होंने अभिभावकों की शिकायत पर संस्तुति कर डीईओ को भेजी और कार्रवाई करने के लिए कहा। अभिभावकों ने मामले में तत्परता दिखाई और तुंरत शिकायत की कापी लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच गए। जिला शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों से उनकी समस्या जानी।
सुबह करीब 11 बजे अनेक अभिभावक उपायुक्त कार्यालय पहुंच गए। अभिभावकों ने निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने एक वैदिक ईरा स्कूल सहित कुछ स्कूलों के संचालकों पर विद्यार्थियों को परेशान करने का आरोप लगाया।
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नियमित स्कूल आ रही है बच्ची : मनीष आर्य
वैदिक ईरा स्कूल के चेयरमैन मनीष आर्य ने कहा कि जिस छात्रा के संबंध में आरोप लगाया जा रहा है स्कूल में उसकी शिक्षा पर कोई रोक नहीं लगाई गई। केवल छात्रा के अभिभावकों को कहा कि गया कि वह उसे स्वयं स्कूल छोड़कर जाएं और लेकर जाएं। ऐसे में बेवजह स्कूल पर आरोप लगाना गलत है। आर्य ने बताया कि जैसे ही बच्ची का स्कूल में दाखिला होगा बच्ची को स्कूल बस सुविधा भी दे जाएगी। लेकिन दाखिला लेने से पहले बस सेवा देना स्कूल नियमों के खिलाफ है।
प्रशासन व स्कूलों में मिलीभगत
छात्र अभिभावक संघ के अध्यक्ष विमल किशोर ने कहा कि प्रशासन व निजी स्कूल संचालको में मिलीभगत चल रही है। इस कारण अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन का निजी स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं है और नियमों की सरेआम धज्जिया उड़ रही हैं।
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फीस व दाखिले को लेकर कोई परेशानी नहीं
अभिभावक उनके पास शिकायत लेकर आए थे। रविवार को निजी स्कूल संचालकों की बैठक में निर्देश दिया है कि कोई भी स्कूल संचालक कोर्ट का फैसला आने तक बच्चों को फीस व दाखिले को लेकर परेशान न करे। ऐसे में शिकायतकर्ता अभिभावकों को कहा गया है कि वह बेझिझक बच्चों को स्कूल भेजें। यदि कोई फिर भी परेशान करता है तो वह उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।
परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी, सोनीपत