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निवेशक जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 08:19 PM (IST)
निवेशक जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

फोटो एनडीपी 3

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- अपेक्स और सियान टावर निवेशक संघ ने सेक्टर 18 में बैठक कर लिया निर्णय

- सुपरटेक या प्राधिकरण के खिलाफ दर्ज नहीं कराएंगे एफआइआर

संवाददाता, नोएडा :

अपेक्स और सियान टावर के निवेशकों ने निर्णय लिया है कि वह इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जहां अपने हितों के रक्षा की मांग करेंगे। उन्होंने सुपरटेक या प्राधिकरण के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं कराने का भी निर्णय लिया है।

सेक्टर-93-ए में सुपरटेक के एमरल्ड कोर्ट परिसर में निर्माणाधीन अपेक्स व सियान टावर को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गिराने का आदेश दिया था। जिसके बाद प्राधिकरण ने मंगलवार को दोनों टावरों को सील कर दिया। इसकी जानकारी होने के बाद बुधवार को लगभग सौ निवेशकों ने सेक्टर 18 में बैठक की, जिसमें निर्णय हुआ कि निवेशक अपने स्तर पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इसमें वह सुपरटेक का सहयोग या साथ नहीं लेंगे। उन्होंने तत्काल प्रति निवेशक पांच सौ रुपये का चंदा किया है। साथ ही चंदा कर कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।

कुछ निवेशकों ने पैसा वापस लेने की बात कही

बैठक के दौरान कुछ निवेशकों ने सुपरटेक से 14 प्रतिशत व्याज के साथ पैसा वापस लेने की भी इच्छा जताई। हालांकि बहुमत इसके खिलाफ था। इस कारण इसे टाल दिया गया।

बाद में ही सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं निवेशक : वकील

सुप्रीम कोर्ट के वकील भंवर सिंह जादौन का कहना है कि निवेशक इलाहाबाद हाइकोर्ट केस में पार्टी नहीं थे। इस कारण वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकते। प्राधिकरण या सुपरटेक के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बाद ही निवेशक अपना पक्ष रख सकते हैं। इस तरह आपस में निर्णय के बाद भी निवेशकों को सुपरटेक या प्राधिकरण के सुप्रीम कोर्ट में जाने का इंतजार करना पड़ेगा।

'कुछ लोगों ने बैठक में सुपरटेक से पैसा वापस लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। यह लोग आरडब्ल्यूए के बहकावे में आकर ऐसा कह रहे थे। हम आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों को 16 प्रतिशत व्याज देने को तैयार हैं। क्या वह अपना फ्लैट बेच देंगे? हमने 2500 रुपये में फ्लैट बुक कराया। आज उसकी कीमत 7500 रुपये के आस-पास है। 14 प्रतिशत व्याज लेकर भी हमें आज का रेट नहीं मिलेगा'।

- एफसी शर्मा, निवेशक

'2009 में फ्लैट बुक कराने के बाद से हमपर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो किराया देना पड़ रहा है, दूसरा फ्लैट की इएमआइ। बड़ी मुश्किल से इसके लिए पैसा इकट्ठा कर रहे थे।

- गौरव शर्मा निवेशक

'हमें बिल्डर से पैसा नहीं चाहिए। बिल्डर को वापस करना है तो वह 93ए जैसे लोकेशन में हमें फ्लैट दे। हम आरडब्ल्यूए से भी नाराज हैं। 2009 से हम लगातार साइट पर जा रहे हैं। कभी हमें कोर्ट केस के बारे में नहीं बताया गया।

- संजय अग्रवाल, निवेशक

'मेरा अपेक्स टावर में फ्लैट है। बड़ी मुश्किल से खर्च में से पैसे काटकर फ्लैट लिया। बहन को भी दिलवाया। बच्चे इतने खुश थे, इस लोकेशन से। हमें हर हाल में फ्लैट चाहिए। इसके लिए टावर तोड़ना है कि नहीं, यह हमारा मामला नहीं है'।

-धीरेंद्र, निवेशक


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