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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से किन्नर समाज में खुशी

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 05:18 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से किन्नर समाज में खुशी

फोटो-15

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-किन्नरों को समाज में भेदभाव खत्म होने का भरोसा

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

किन्नरों को थर्ड जेंडर (तीसरे लिंग)के रूप में पहचान देने तथा ओबीसी में शामिल किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किन्नर समाज ने खुशी जताई है। किन्नरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उनका समाज में मान- सम्मान तो बढ़ेगा ही साथ ही अपेक्षित सुविधाएं भी मिलेंगी। उनका जीवन स्तर सुधरेगा तथा वे अन्य नागरिकों की तरह सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकेंगे।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इसमें किन्नरों को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देते हुए उन्हें ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की सिफारिश भी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि किन्नरों को शिक्षण संस्थानों में थर्ड जेंडर के आधार पर दाखिला व नौकरी दिए जाएं।

सोनीपत में एक अलग पहचान बनाने वाले किन्नर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से काफी खुश नजर आ रहे हैं। किन्नर चांदनी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समाज में किन्नरों का सम्मरन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि किन्नर भी इस देश के नागरिक हैं। उन्हें शिक्षा,रोजगार हासिल करने व सामाजिक बराबरी का पूरा हक है। लेकिन अभी तक इसको लेकर देश में कोई कानून नहीं था तथा किन्नर समाज उपेक्षा भरी जिंदगी जीने को मजबूर था। उन्होंने आशा जताई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निश्चित रूप से किन्नर समाज के अधिकारों की रक्षा होगी तथा भेदभाव खत्म होगा।

चांदनी का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं तथा अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर सरकार जल्दी से जल्दी व्यवस्था करेगी और उन्हें सुविधा उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि सोनीपत में किन्नरों की संख्या 35 हैं। यहा के किन्नर सामाजिक क्षेत्र में भी योगदान देते हैं। गरीब बच्चों की पढ़ाई तथा निर्धन बालाओं की शादी में भी किन्नर सहायता देते हैं।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भी किया फैसले का स्वागत

जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किन्नरों को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया गया है। इसको लेकर मूलचंद चौक पर समिति के कार्यालय पर एक बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष मूलचंद दहिया ने की। बैठक में कहा गया कि ये दुनिया का पहला ऐसा फैसला है जिसके बाद किन्नर भी समाज में अन्य समाज की तरह सम्मान के साथ जी सकेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पूरी तरह से देश हित में है और इस फैसले का हर किसी को खुले दिल से स्वागत करना चाहिए। बैठक में प्रेम सिंह,रामफल,महाशय अतरू, अतर सिंह जांगड़ा, सुबेदार, श्री भगवान, हवा सिंह, महावीर व ओम सिंह अंतिल ने प्रमुख रूप से विचार व्यक्त किए।


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