खेतों में जलभराव से बर्बाद हो रही फसल
संवाद सहयोगी, गोहाना : बनवासा व बुटाना के सैकड़ों एकड़ फसल में बारिश का पानी जमा होने से किसानों की फसल बर्बाद होनी शुरू हो गई है। खेतों में जमा पानी की निकासी न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर उभर आई है। गाव बनवासा के किसानों ने प्रशासन और सरकार से खेतों में जमा पानी जल्द से जल्द निकासी करने की माग की है।
क्षेत्र में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद गाव घड़वाल की तरफ से बारिश का पानी गाव बनवासा के खेतों में आकर जमा हो गया है। इससे बनवासा गाव के किसानों की सौ एकड़ से अधिक फसल जलमग्न हो गई है। धान की फसल तो पानी में डूबी हुई है। पानी भरने से किसानों की धान की फसल के साथ-साथ कपास, ज्वार व गन्ने की फसल बर्बाद हो रही है। किसान रोहताश नरवाल, विकास, राकेश, सतीश, सत्यवान ने बताया कि खेतों में जमा पानी की निकासी छपरा ड्रेन से होती है। यह ड्रेन पुल के नजदीक से टूटी हुई है जिस कारण खेतों में जमा पानी की निकासी सुचारु ढग से नहीं हो पा रही है। पिछले सप्ताह भर से खेतों में पानी जमा है। वहीं बुटाना के खेतों में भी पानी भरा हुआ है। बुटाना निवासी किसान सुरेंद्र, भूप सिंह, आनन्द व ओम सिंह ने बताया कि उनके गांव में करीब सौ एकड़ फसल जलमग्न है। इसका असर अब फसल पर पड़ने लगा है।
ड्रेन की सफाई नहीं होने से गहराई समस्या
गांव बनवासा निवासी किसान रोहताश ने कहा कि छपरा ड्रेन में सफाई का अभाव उनके लिए दिक्कत पैदा कर रहा है। अगर समय पर ड्रेन की सफाई कर दी जाती तो किसानों को कम नुकसान होता। सरकार और प्रशासन को खेतों में जमा पानी की निकासी तुरंत करनी चाहिए। वही बुटाना के किसान राजा ने बताया कि बिचपड़ी वाली ड्रेन में सफाई का अभाव उनके ऊपर कहर बनकर टूटा है। ड्रेन में कई स्थानों पर मिट्टी फंसी है, जिससे पानी निकासी नहीं हो रही।
कपास, ज्वार व गन्ने पर सबसे अधिक असर
किसान राज सिंह, राजेंद्र व कुलदीप ने बताया कि सबसे अधिक असर कपास, ज्वार व गन्ने की फसल पर हुआ है। अगर इसी तरह पानी फसल में खड़ा रहा तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। इससे किसानों को अधिक नुकसान होगा। साथ ही अब तो धान की फसल पर भी पानी का असर पड़ने लगा है। उन्होंने जल्द से जल्द निकासी करवाने की मांग की है।
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