समय से पहले न लगाएं धान की नर्सरी : चमन
संवाद सहयोगी, गोहाना : कृषि विभाग की तरफ से गाव भावड़ में किसानों को धान की फसल की समय पर रोपाई करने को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों को 15 मई से पहले धान की पौध नहीं लगाने का अनुरोध किया गया। साथ ही किसानों को गेहू की फसल की फास जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति भी जागरूक किया।
सोमवार को आयोजित जागरूकता शिविर में कथूरा खंड के कृषि अधिकारी डा. चमन सिंह ने कहा कि पानी के अधिक दोहन के चलते भूमिगत जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूरे राष्ट्र के लिए चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति में किसान जागरूक होकर जल स्तर में सुधार लाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि अगर किसान समय से पहले धान की फसल की रोपाई करेगे तो फसल सींचिने के लिए अधिक पानी की जरूरत पड़ेगी। धान की फसल की टयूबवेल से सिंचाई करने पर भूमिगत जल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे जल स्तर और भी घटेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि वे धान की पौध की 15-20 मई के बीच रोपाई करे। जब धान की पौध तैयार होगी उस समय बारिश का मौसम भी शुरू हो जाएगा और किसानों को धान की रोपाई में लाभ मिलेगा। डा. राजीव ने किसानों को खेत में ही गेहू के फास जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि फास जलाने से भूमि का तापमान बढ़ जाता है और उससे जमीन में किसान के मित्र कीट नष्ट हो जाते है। जमीन की उर्वरा शक्ति भी कमजोर पड़ती है। फास जलाने से वातावरण दूषित होता है और किसानों पर कार्रवाई भी हो सकती है। शिविर में डा.राकेश श्योराण ने भी फसल के बारे में किसानों को उचित दिशा निर्देश बताए।
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