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जाको राखे साइयां मार सके न कोई : अाठ दिन तक कुएं में पड़ा रहा, फिर ऐसे बची जान

कहते हैं न जाको राखे साइयां मार सके न कोय, और यह बात सिरसा जिले के एक गांव में साबित हो गई। यहां 8 दिन कुएं में पड़ा रहने केे बाद भी ए‍क व्‍यक्ति जिंदा बचा गया। जानें कैसे ?

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 02:56 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 09:31 AM (IST)
जाको राखे साइयां मार सके न कोई :  अाठ दिन तक कुएं में पड़ा रहा, फिर ऐसे बची जान

सिरसा, [वेब डेस्क]। कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोय...और यह कहावत जिले के रोड़ी गांव में सच साबित हुई। एक ग्रामीण नशे की हालत में एक रात गांव के बाहर सुनसान में बने कुएं में गिर गया। वह उसमें आठ दिनों तक भूखा-प्यासा पड़ा रहा। खूब आवाजें भी लगाता रहा, लेकिन सुनसान इलाका होने के कारण किसी तक उसकी आवाज नहीं पहुंची। परिवार वाले उसे लापता मानकर ढ़ूंढते रहे। इसी बीच एक युवक उसके लिए देवदूत बनकर आया और उसकी आवाज सुनकर अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला।

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घटना सिरसा जिले के रोड़ी गांव के की है और हादसे के शिकार व्यक्ति का नाम गोरा सिंह है। गोरा सिंह शराब पीने का आदी है। गोरा सिंह ने बताया कि 21 अगस्त की रात को वह शराब के नशे में घर से निकल गया। वह इस दौरान गांव के बाहर एक सूखे गांव के पास पहुंच गया। नशे और अंधेरे के कारण उसका पैर फिसल गया और वह वहां बने एक कुएं में जा गिरा।

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गनीमत यह रही कि कुंआ सूखा था आैर उसे अधिक चोट भी नहीं लगी। गोरा सिंह के अनुसार, नशे में होने के कारण उसे कुछ ज्यादा समझ में नहीं आया और वह रात को कुएं में ही पड़ा रहा। सुबह होने पर होश आया तो खुद को कुएं में पड़ा पाया। इसके बाद वह बचाओ-बचाओ की आवाजें लगाने लगा, लेकिन किसी के कानों तक उसकी आवाज नहीं पहुंची।

कुएं से निकाले जाने के बाद गोरा सिंह।

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8 दिन जूझता रहा निकलने के लिए

कई दिन बीत गए लेकिन किसी तक उसकी आवाज नहीं पहुंची। कुएं में पड़े गोरा सिंह को अपने बचने की उम्मीद समाप्त होती दिखी। कुएं में न तो कुछ खाने को था अौर न ही पीने को पानी। दो-तीन दिन बाद उसकी आवाज भी ठीक से नहीं निकल रही थी।

गोरा सिंह ने बताया कि इस तरह वह आठ दिनों तक कुएं में पड़ा रहा। वह भूखा-प्यासा कुएं में था और मदद के लिए कोई नहीं आ रहा था। उसे लगा कि अब वह नहीं बचेगा। लेकिन, इसी बीच गांव का ही एक युवक उसके लिए मानो देवदूत बन कर आया।

वह कुएं जिसमें से गोरा सिंह (बाएं) को राहुुल (दाएं) ने निकाला।

फिर आया एक फरिश्ता

साेमवार सुबह रोड़ी गांव का एक युवक राहुल तड़के सैर के लिए निकला। वह पुराने कुएं के नजदीक कसरत करने लगा। तभी उसे कुएं से कोई आवाज सुनाई दी। तड़के के अंधेरे में कुएं से आ रही आवाज सुनकर राहुल पहले तो वह डर गया, लेकिन फिर उसने वहां अंदर झांककर देखा। उसे किसी के होेने की आभास हुआ ताे उसकी समझ में आया कि कोई कुएं में गिरा पड़ा है।

इसके बाद, राहुल भागकर गांव में आया और उसने लाेगों को इस बारे में बताया। इसके बाद कई ग्रामीण वहां पहुंचे और इसके बाद गोरा सिंह के कुएं में हाेने का पता चला। इसके बाद उसे कुएं से बाहर निकाला गया। वह काफी कमजोर हो गया था और ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।

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घरवालों ने दर्ज करवाई गुमशुदगी की शिकायत

गोरा सिंह 21 अगस्त की रात को किसी को बताए बिना घर से निकला था। इसके बाद जब अचानक से वह गायब हुआ तो को अनहोनी की आशंका सताने लगी। गोरा सिंह के चचेरे भाई चिड़िया सिंह ने रोड़ी थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। दरअसल, गोरा सिंह अविवाहित है। उसके माता-पिता की भी मौत हो चुकी है। गोरा सिंह काे डाक्टर के पास भी ले जाया गया। उसकी हालत अब ठीक बताई जा रही है।

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