Move to Jagran APP

खेल विभाग खिलाड़ियों को डो¨पग से बचाने के लिए करेगा जागरूक

जागरण संवाददाता, सिरसा : एक खिलाड़ी का करियर छोटा होता है। अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में होने के समय ही

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 01:00 AM (IST)
खेल विभाग खिलाड़ियों को डो¨पग से बचाने के लिए करेगा जागरूक
खेल विभाग खिलाड़ियों को डो¨पग से बचाने के लिए करेगा जागरूक

जागरण संवाददाता, सिरसा : एक खिलाड़ी का करियर छोटा होता है। अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में होने के समय ही ये खिलाड़ी अमीर और मशहूर हो सकते हैं। इसी जल्दबाजी और शॉर्टकट तरीके से मेडल पाने की भूख में कुछ खिलाड़ी अकसर डो¨पग के जाल में फंस जाते हैं। एंटी डोप टेस्ट में फंसकर उभरते खिलाड़ियां का कॅरियर दांव पर लग जाता है। खेल विभाग खिलाड़ी डो¨पग में न फंसे इसके लिए जागरूक किया जाएगा। जिला खेल विभाग में लगने वाले सेमिनार में खिलाड़ियों को जागरूक किया जाएगा। जिसमें स्टेडियम व राजीव गांधी खेल स्टेडियम के खिलाड़ियों को विशेषज्ञ बुलाकर जागरूक किया जाएगा।

loksabha election banner

कोई खिलाड़ी डो¨पग क्यों करता है? डोप टेस्ट क्या होता है? यह टेस्ट कौन लेता है? इसके कानूनी प्रावधान क्या है? कोई खिलाड़ी अगर डोप टेस्ट में फेल होता है तो फिर इस पर क्या कार्रवाई होती है? इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

पांच श्रेणियां में रखा गया डो¨पग दवा को

प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को डो¨पग के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। जिला खेल विभाग के साथ खंड स्तर पर भी स्टेडियम में खिलाड़ियों को जागरूक किया जाएगा। इसमें खिलाड़ियों को डोप टेस्ट के बारे में बताया जाएगा। वहीं जागरूक कर कॅरियर के बारे में बताया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों के अनुसार डो¨पग के लिए खिलाड़ी और केवल खिलाड़ी ही जिम्मेदार होता है। डो¨पग में आने वाली दवाओं को पांच श्रेणियों में रखा गया है। जिनमें स्टेरॉयड, पेप्टाइड हार्मोन, नार्कोटिक्स, डाइयूरेटिक्स और ब्लड डो¨पग है।

क्या है वाडा और नाडा

किसी भी खिलाड़ी का डोप टेस्ट विश्व डो¨पग विरोधी संस्था (वाडा) या राष्ट्रीय डो¨पग विरोधी (नाडा) ले सकता है। अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए वाडा की स्थापना 10 नवंबर, 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी। इसी के बाद हर देश में नाडा की स्थापना की जाने लगी। इसके दोषियों को 2 साल सजा से लेकर आजीवन पाबंदी तक सजा का प्रावधान है। किसी भी खिलाड़ी का कभी भी डोप टेस्ट लिया जा सकता है। इसके लिए संबंधित फेडरेशन को जिम्मेदारी दी गई है। किसी प्रतियोगिता से पहले या प्रशिक्षण शिविर के दौरान डोप टेस्ट अक्सर लिए जाते हैं।

खिलाड़ियों के कॅरियर को देखते हुए डो¨पग से बचाने के लिए जिला मुख्यालय व सेंटरों पर जागरूक किया जाएगा। जिसके लिए अगस्त माह में जिला स्तरीय कार्यक्रम में विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। जिसकी अभी से तैयारियां शुरू कर दी है।

कृष्ण बैनीवाल, जिला खेल अधिकारी सिरसा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.