चार साल में 96 फीसद घटे मलेरिया केस
कपिल भारतीय, सिरसा जिले में पिछले चार साल के दौरान 96 फीसद मलेरिया केस घटे हैं। 2012 में सबसे ज्या
कपिल भारतीय, सिरसा
जिले में पिछले चार साल के दौरान 96 फीसद मलेरिया केस घटे हैं। 2012 में सबसे ज्यादा 2945 केस सामने आए थे। उसके बाद लगातार स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया की रोकथाम के दिशा में अभियान चलाए। खुद के स्तर के प्रयासों से ज्यादा लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। नतीजन, व्यापक स्तर पर जागरूकता बढ़ी और चार साल में ही बेहतर परिणाम सामने आया। 2016 में मलेरिया के महज 112 केस ही सामने आए जबकि मौजूदा साल में अभी तक सिर्फ एक केस सामने आया है।
जलभराव रोकने पर दिया गया ज्यादा ध्यान
स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया रोकथाम विभाग ने जागरूकता के तहत जलभराव रोकने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। सीएचसी व पीएचसी स्तर पर लोगों को एकत्रित कर मलेरिया फैलने के कारणों व उनकी रोकथाम की जानकारी दी गई। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को भी मुहिम से जोड़ा गया। सरपंचों को गांवों में जलभराव रोकने और जमा पानी में तेल डालने के निर्देश दिए गए। जिससे काफी गांवों में मच्छरों को पनपने से रोकने में विभाग को सफलता मिली।
सबसे ज्यादा संवेदनशील चौपटा क्षेत्र
मलेरिया रोकथाम में जुटे अधिकारियों के अनुसार चौपटा क्षेत्र फिलहाल मलेरिया के ²ष्टिगत सबसे ज्यादा संवेदनशील है। पिछली बार यहां काफी केस सामने आए थे। इसीलिए विभाग इस बार पहले से ही इस क्षेत्र में बचाव के उपाय बताने में लग गया है। गांव-गांव में जलभराव रोकने व घरों में सफाई बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं।डिप्टी सिविल सर्जन के नेतृत्व में विशेष टीम पीएचसी व सीएचसी स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करेगी।
14 दिन तक चलता है नियमित उपचार
मलेरिया का केस सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग उक्त मरीज की नियमित देखभाल करता है। मरीज को 14 दिन तक विशेष इलाज दिया जाता है। इन 14 दिनों में उसकी चार बार स्लाइड बनती है। जब तक मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता, तब तक उसकी केस हिस्ट्री पर काम किया जाता है। इसके बाद मरीज के आसपास के घरों में भी सर्वे करवाया जाता है।
साल केस
2012 2945
2013 1615
2014 601
2015 152
2016 112
निश्चित तौर पर पिछले तीन-चार सालों में मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अप्रैल महीने में मलेरिया का सीजन शुरु होता है, इसलिए तभी से हम रोकथाम के प्रयासों में जुट जाते हैं। 2012 के बाद से लगातार मलेरिया केसों का ग्राफ घटा है।
डॉ. दीप गगनेजा, डिप्टी सिविल सर्जन।