कुस्सर के किसानों के लिए परेशानी बनी फल्डी नहर, किसानों में फैला रोष
संवाद सूत्र, खारियां : गांव कुस्सर के किसानों के लिए भाखड़ा का पानी देने वाली बणी ब्रांच के साथ-साथ
संवाद सूत्र, खारियां :
गांव कुस्सर के किसानों के लिए भाखड़ा का पानी देने वाली बणी ब्रांच के साथ-साथ निकली फल्डी नहर परेशानी का कारण बनी हुई है। बणी ब्रांच के साथ फल्डी नहर निकलने की वजह से किसानों के खेतों को भाखड़ा का पानी का संपर्क टूट गया। जिससे पिछले चार महीनों से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है। अपनी फसलों को पकाने के लिए किसानों को भूमिगत पानी का सहारा लेना पड़ रहा है। सैकड़ों किसानों ने प्रशासन को भी सूचना दी, लेकिन प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। जिससे किसानों की गेहूं व सरसों की फसलें बर्बाद हो रही है। किसानों में रोष फैला हुआ है।
यह है पूरा मामला
इस क्षेत्र में किसानों को फसल पकाने के लिए पानी की कमी के चलते भाखड़ा नहर की बणी ब्रांच के साथ-साथ फल्डी नहर निकाली जा रही है। अक्टूबर महीने में यहां इस नाले की खुदाई का काम शुरू हुआ तो बणी ब्रांच से खाल का ढाई एकड़ में किसानों के खालों से संपर्क टूट गया है। जिसके चलते पिछले चार महिनों से यहां की लगभग 1600 एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो रही है। समस्या को लेकर किसान छोटूराम ने तीन बार सीएम ¨वडो में भी शिकायत दर्ज करवाई है। फिर भी अभी तक समस्या का हल नहीं हो पाया है।
हाईकोर्ट से भी जीत रखा केस
मामले को लेकर किसान छोटूराम, हरदेव, हंसराज, बंसी लाल, जसकर्ण आदि ने बताया कि बणी ब्रांच के मोगा नंबर 80990 का खाल बणी नहर के साथ होने की वजह से ढाई एकड़ तक फल्डी नहर में आ गया। जिसे खुदाई के समय तोड़ दिया गया लेकिन दोबारा नहीं बनया गया। इस खाल की लंबाई करीब साढ़े पांच किलोमीटर है। जिसके नीचे 850 एकड़ भूमि पर किसान अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। वही मोगा नंबर 81990 का संपर्क करीब दो सौ फीट तक टूट गया है और साथ ही यहां एक नाजायज साईफन भी बना हुआ है, जिसे अभी तक हटाया नहीं गया है। खाल के लिए किसानों ने उपमंडल कोर्ट ऐलनाबाद, जिला कोर्ट सिरसा व हाईकोर्ट से भी केस जीत रखा है फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
:::::::::: बणी ब्रांच के मोगा नंबर 80990 का नहर के साथ का खाल आपसी भाईचारे का खाल था, जो फल्डी नहर में आ गया और सरकार ने उन्हें इस खाल की जमीन की कीमत भी दे दी है। यह खाल हमारे विभाग के कागजातों में सरकारी नहीं है। इसके साथ ही मोगा नंबर 81990 का खाल फल्डी नहर निकलने की वजह से टूटा हुआ है। जिसके साईफन की कार्रवाई चल रही है, वहां पर जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही इसी खाल पर जो नाजायज साईफन बना हुआ है वो तो कोर्ट का मामला है।
-विकास कुमार, जेई, ¨सचाई एवं जल संसाधन विभाग