पराली नष्ट करने के लिए जलाने के अलावा नहीं कोई विकल्प : बूटा ¨सह
संवाद सूत्र, रानियां : धान की पराली को नष्ट करने में आ रही परेशानी व पराली जलाने पर किसानों को किए
संवाद सूत्र, रानियां :
धान की पराली को नष्ट करने में आ रही परेशानी व पराली जलाने पर किसानों को किए जा रहे जुर्माने के रोष स्वरूप गांव ओटू में कई गांवों के किसानों ने बैठक की। बैठक की युवा कांग्रेस किसान सेल के पूर्व जिला प्रधान बूटा ¨सह ¨थद ने की। बैठक के दौरान किसानों ने सरकार व प्रशासन के विरुद्ध रोष जताया।
किसान नेता बूटा ¨सह ने कहा कि सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है जिससे किसानों के समक्ष पराली को नष्ट करने की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि पराली को बिना जलाए नष्ट नहीं किया जा सकता और जलाने के अलावा किसानों के पास इसका कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि पराली को नष्ट करने के लिए मशीन द्वारा प्रति एकड़ काफी खर्चा होता है जो किसान वहन करने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर प्रदूषण फैलता है तो इस पर किसानों को जुर्माना लगाने की बात कही जाती है। प्रत्येक कानून किसानों के लिए बना कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि धान की पराली हो जलाया नहीं जाता है तो गेहूं की बिजाई भी लेट होती है जिससे आगमी फसल की आवक कम होने की आशंका भी बनी रहती है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की एवज में किसानों पर किए जाने वाले जुर्माने के कानून को तुरन्त रूप से वापिस लेना चाहिए। इस अवसर सुखविद्र 8 बुर्जी, सतीन्द्र सोनू अभोली, तरेसम ¨सह अभोली, निरवैल ¨सह ढाणी गुरूसर, भूपेन्द्र ¨सह अबूतगढ, तरसेम ¨सह अबूतगढ, हरनके ¨सह ढाणी दशमेश, बलदेव ¨सह ओटू, तरसेम ¨सह, शेर ¨सह, पिन्टू, सलेन्द्र ¨सह, बलदेव जईया, महेन्द्र ¨सह, निर्मल ¨सह, गुरमेज ¨सह अभोली, जरनैल ¨सह, सतनाम ¨सह, मुख्तयार ¨सह, लखविन्द्र ¨सह, परमजीत ¨सह, शमिन्द्र ¨सह ने भाग लिया।