सामाजिक तर्कों से बच नहीं पाए भगवान राम व श्रीकृष्ण : शर्मा
जागरण संवाददाता, सिरसा : श्री वंशीवट मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन पंडित सुगन शर
जागरण संवाददाता, सिरसा :
श्री वंशीवट मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन पंडित सुगन शर्मा ने शुकदेव द्वारा राजा परीक्षित को श्रीमदभागवत कथा सुनाने का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि इस समाज में जन्म लेने पर भगवान राम या कृष्ण भी सामाजिक तर्को से बच नहीं पाये, भगवान कृष्ण पर भी सम्तक मणि को चुराने का आरोप लगाया गया तथा भगवान कृष्ण द्वारा सम्तकमणि को जाम्वत नामक रीछ राज में वापिस लेने के लिए उनकी पुत्री से विवाह करने की कथा सुनाई। इस प्रकार भगवान कृष्ण का विवाह 28 दिन तक चले युद्ध के बाद जाम्वत पुत्री जाम्वती के साथ सम्पन्न हुआ। शर्मा ने कहा कि हम जैसा अन्न ग्रहण करते हैं हमारा मन वैसा ही हो जाता है। इसलिए पाप से संचित अन्न सदैव दु:ख व दुखी मन को जन्म देता है और मन भी पापी हो जाता है। भगवान कृष्ण ने इसीलिए दुर्योधन के मेवा त्याग दिए और सच्चे विदुर के केलों के छिलके भी ग्रहण किए। भगवान प्रभाव से नहीं भाव से लगाए भोग से प्रसन्न होते हैं। प्रेम के वश भगवान ने अर्जुन का रथ हांका था और धन्ना जट के यहां नौकरी की थी। भगवान कृष्ण की 8 पटरानियां थी तथा 16 हजार 100 रानियां थी।