नायक समाज को हकों के लिए जागरूक होना होगा : हरिओम
जागरण संवाददाता, सिरसा : अहेरी थोरी नायक समाज को संवैधानिक एवं शांतिमय तरीके संघर्ष के बाद ही हक मिल
जागरण संवाददाता, सिरसा : अहेरी थोरी नायक समाज को संवैधानिक एवं शांतिमय तरीके संघर्ष के बाद ही हक मिला एवं इसको बनाए रखने के लिए भी जागरूक रहना होगा। यह बात अखिल भारतीय अहेरी थोरी नायक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिओम नायक ने अपने सम्मान समारोह में जिला के गांव पन्नीवाला मोटा में उपस्थित लोगों को कही। उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही खुद महसूस किया था यह समाज दलितों में अति दलीत समाज हैं परन्तु इसको अनुसूचित जाति की श्रेणी से बाहर क्यों रखा गया है। इसको अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करवाने की ठानी थी। इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी डा. शमशेर ¨सह के सहयोग से ही तत्कालीन केन्द्रीय श्रम मंत्री डा. साहिब ¨सह से तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तत्कालीन उपप्रधान मंत्री लाल कृष्ण अडवाणी एवं तत्कालीन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार को अर्ध शासित पत्र लिखवाकर सिफ ारिश करवाई थी। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र के तत्कालीन सांसद नवीन ¨जदल ने भी लोकसभा में प्रश्न न. 3880 के तहत 23 दिसम्बर 2004 को मांग उठवाई थी जिसका जवाब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की तत्कालीन राज्य मंत्री सुब्बा लक्ष्मी जगादेशन ने लोक सभा के पटल पर लिखित उत्तर दिया था कि जब तक राज्य सरकार की से किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था एथनोग्राफिक स्टडी रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक अहेरी थोरी नायक समाज को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल नहीं किया जाता। राजाराम, धर्मपाल झोरड, तुलसीराम झोरड, कृष्ण मेम्बर, राज कुमार, इन्द्र ¨सह, साहब ¨सह, डॉ. द्वारिका प्रसाद व अन्य लोग उपस्थित थे।