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किसानों पर संकट के बादल, कई जगह फसलों में लगा पीला रतुआ

जागरण संवाददाता, सिरसा : कम होती जा रही ठंड के कारण किसानों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। उनके खेतों

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 01:02 AM (IST)
किसानों पर संकट के बादल, कई जगह फसलों में लगा पीला रतुआ

जागरण संवाददाता, सिरसा : कम होती जा रही ठंड के कारण किसानों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। उनके खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पीली होने लगी है। कई गांवों में रतुआ रोग के लक्षण सामने आने लगे हैं। कई दिनों से दिन के समय पड़ रही गर्मी का असर फसलों पर नकारात्मक हो रहा है। फसलों का जायजा लेने लगातार कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के वैज्ञानिकों खेतों का दौरा कर रहे हैं। इस रोग को ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए किसानों को अधिक ¨सचाई करनी पड़ रही है।

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फिलहाल प्रभाव ज्यादा नहीं

कृषि विज्ञान केंद्र की टीम को जिले के कुछ क्षेत्रों में गेहूं की एचडी 2851 किस्म में पीला रतुआ रोग के लक्षण दिखाई दिए हैं। इस बीमारी का स्तर कम होने के कारण कुछ ही स्थानों पर इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस बीमारी के कारण पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे धब्बे कतारों में बन जाते हैं। कभी-कभी ये धब्बे पत्तियों के डंठलों पर भी पाए जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए किसानों को प्रोपीकोनाजोल दवा का 200 मिली लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। वैज्ञानिकों की मानें तो दूसरी किस्मों की अपेक्षा एचडी 2851 में इस रोग का प्रकोप ज्यादा है। हालांकि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की हुई किस्म डब्ल्यूएच 1105 पूर्ण रूप से बीमारी से बची हुई है।

वैज्ञानिकों की टीमें लगातार फसलों का मुआयना कर रही है। कुछ स्थानों पर फसलों में पीले रतुआ के लक्षण दिखाई दिए हैं। हालांकि अभी बीमारी का स्तर ज्यादा नहीं है। ऐसे में किसानों को थोड़ी सावधानी बरतते हुए बताई गई दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।

-डॉ.विनोद मलिक, पौध रोग विशेषज्ञ

फिलहाल ज्यादा ¨चताजनक स्थिति नहीं है। दिन में थोड़ा मौसम गर्म रहता है, मगर सुबह और रात्रि के समय ठंडक बरकरार है। अभी बरसात और हो जाए तो फसलों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगी। फसलों में असली ताकत बरसात से ही आएगी।

-डॉ.एलएस बैनीवाल, सीनियर को-ऑर्डिनेटर, कृषि विज्ञान केंद्र


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