अब गलघोटू का कहर, बच्चे की मौत,
जागरण संवाददाता, सिरसा : डेंगू के बाद जिले में अब गलघोटू का कहर बरपा है। बृहस्पतिवार को गांव बप्प
जागरण संवाददाता, सिरसा :
डेंगू के बाद जिले में अब गलघोटू का कहर बरपा है। बृहस्पतिवार को गांव बप्पा निवासी सात वर्षीय जोगिंद्र की मौत हो गई। मौत का कारण गलघोंटू बताया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रथम चरण में उक्त बच्चे की मौत का कारण गले का संक्रमण बताया जा रहा है। फिलहाल मौत के कारण जानने के लिए सैंपल जांच के लिए लिया गया है।
बताया जा रहा है कि जोगिंद्र को 4 सितंबर से बुखार शुरू हुआ था। इसके बाद गले में सूजन आई और दर्द होने लगा। तत्पश्चात परिजन उसे बृहस्पतिवार को नागरिक अस्पताल में ले आए, जहां चिकित्सक टीम ने उसका उपचार शुरू किया। कुछ ही देर बाद बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना के बाद ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और स्वास्थ्य विभाग टीम ने बप्पा का सर्वे किया। साथ ही संपर्क में रह रहे लोगों के सैंपल जांच के लिये लिए। दूसरी ओर इसी प्रकार की बीमारी से गांव व आसपास के अन्य गांव में तीन मौत होने की बात भी ग्रामीणों द्वारा कही जा रही है। ग्रामीण दहशत में हैं।
मंगलवार को भी हुई थी एक मौत
बता दें कि मंगलवार को भी गांव बुर्जभंगु की 9 वर्षीय सोनिया ने दिल्ली के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। उसे उपचार के लिए दिल्ली ले जाया गया था। इससे पहले चौटाला में भी एक बच्चे की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। अब तक गलघोटू बीमारी जिले में बच्ची सहित तीन को काल का ग्रास बना चुकी है।
मौत का कारण गले का संक्रमण
जिला सिविल सर्जन सूरजभान कंबोज का कहना है कि रिपोर्ट आने से पहले सीधे तौर पर गलघोटू से मौत की पुष्टि नहीं की जा सकती है। पर चिकित्सक द्वारा बच्चे की मौत का कारण गले का संक्रमण बताया जा रहा है। अब जिले में उक्त बीमारी से हुई मौतों के बाद सर्वे के लिए 11 टीमों का गठन किया गया है। साथ ही सर्वे टीम की बैठक बुलाई गई है। मौत के कारण का खुलासा जांच रिपोर्ट करेगी। वैसे उक्त सभी टीमें शुक्रवार से गांव-गांव जाकर गलघोटू का सर्वे करेंगी। बच्चे के परिजनों के सैंपल भी जांच के लिए लिए गए है।
रेफर करने की योजना थी पहले ही हो गई मौत : डिप्टी सीएमओ
डिप्टी सीएमओ एसपी सिंह का कहना है कि सुबह अत्याधिक बुखार एवं गले में दर्द को लेकर बच्चा दाखिला हुआ था। बच्चे को चिकित्सक गंभीर हालत के चलते रेफर कर रहे थे कि इससे पहले ही बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। चिकित्सक द्वारा बच्चे की मौत का कारण गले का संक्रमण बताया गया है।
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जानलेवा और खतरनाक है गलघोटू
चिकित्सकों के अनुसार गलघोटू यानी डिप्थीरिया उग्र संक्रामक रोग है, जो 2 से लेकर 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों को अधिक होता है। हालाकि सभी आयु वालों को यह रोग हो सकता है। यह रोग गले में होता है। इससे टासिल भी संक्रमित हो जाते है। इसे स्वरयंत्र, नाक, आख व बाह्य जननेंद्रिय भी प्रभावित हो सकती हैं। इससे बुखार, अरुचि, सिर व शरीर में दर्द, गले में दर्द की दिक्कत होती है। इनका विशेष हानिकारक प्रभाव हृदय पर पड़ता है। कुछ रोगियों में इनके कारण हृदय विराम से मृत्यु हो जाती है।
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ये है बीमारी के कारण
रोग का कारण कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है। यह संक्रमण बच्चों में एक-दूसरे की पेंसिल, लेखनी आदि वस्तुओं को मुंह में रख लेने से शरीर में प्रवेश कर जाता है। इससे गले में झिल्ली बनने लगती है। यह बैक्टीरिया कफ के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह शरीर पर खतरनाक असर डालता है। इससे हृदय की पेशियों में सूजन आ सकती है। स्नायु तंत्र की खराबी हो सकती है।