आधारभूत ढाचा कमजोर, हौसला स्मार्ट सिटी बनने का
जागरण संवाददाता, सिरसा : प्रदेश के सबसे खुले बाजारों व 90 डिग्री पर बसे सिरसा में आधारभूत ढाचा स्मार
जागरण संवाददाता, सिरसा : प्रदेश के सबसे खुले बाजारों व 90 डिग्री पर बसे सिरसा में आधारभूत ढाचा स्मार्ट सिटी के अनुरूप नहीं कहा जा सकता। शहर में आज भी बुनियादी सुविधाएं कमजोर है। हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर की सड़के ट्रैफिक के दबाव को नहीं झेल पा रही हैं। इसी तरह बिजली व्यवस्था भी ओवरलोड के कारण चिंगारी निकाल रही है। कई मायनों में स्मार्ट सिटी के लिए जो मापदंड है उनसे सिरसा दूर है और हौसला इतना है कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बुनियादी ढाचा सुधारने की वकालत की जा रही है।
सड़कों पर टै्रफिक का दबाव
सिरसा नेशनल हाइवे नंबर नौ पर स्थित है। इसके अलावा तीन स्टेट हाइवे भी लगते है। यहा ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक है कि सड़के टै्रफिक का दबाव नहीं झेल पा रही हैं। दो दशक पहले तक यही सड़के टै्रफिक के लिए उपयुक्त थी लेकिन आज अधिकारी भी मानते है कि ट्रैफिक बहुत बढ़ गया है। जिला प्रशासन ट्रैफिक के दबाव की नीति नहीं बना पाया।
रिग रोड की कमी भी खली
शहर वासियों के लंबे संघर्ष के बाद नेशनल हाइवे नंबर नौ पर मिनी बाईपास बना। इस मार्ग पर अभी तक बाईपास नहीं बन पाया हालाकि बाईपास मंजूर हो चुका है लेकिन इसके बावजूद बाईपास न बनना सिस्टम के लापरवाह होने के संकेत दे रहा है। फतेहाबाद से डबवाली जाने के लिए मिनी बाइपास की सुविधा है लेकिन फतेहाबाद से चौपटा, ऐलनाबाद, रानिया जाने के लिए बाईपास की सुविधा नहीं है। इसी तरह डबवाली से भादरा जाने के लिए भी शहर के अंदर से ही वाहन प्रवेश करते है। शहर में रिंग रोड हो तो सड़क पर टै्रफिक का दबाव कम हो सकता है। अभी तक रिग रोड का प्रस्ताव भी विचाराधीन नहीं है।
बिजली व्यवस्था में भी खोट
स्मार्ट सिटी के मापदंडों का एक हिस्सा बिजली भी है। बिजली विकासी धूरी है और बिजली के बगैर व्यापार नहीं पनप सकता है। सिरसा में बिजली आपूर्ति का ढाचा भी वर्षो पुराना है और स्मार्ट सिटी के मापदंडों पर पूरी तरह खरा नहीं कहा जा सकता। यहा बिजली आपूर्ति अच्छी है किंतु ओवरलोड की समस्या से बिजली निगम को निजात नहीं मिल रही है। बिजली के सुधारीकरण पर अधिकारी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और माना जा सकता है यह व्यवस्था स्मार्ट सिटी के अनुरूप बनाई जा सकती है।
शहर का पॉश इलाका और सीवरेज खुले में
सिरसा में हुडा सेक्टर को शहर का पॉश इलाका कहा जा सकता है लेकिन यहा के लोग भी बुनियादी सुविधाओं को लेकर पुराने शहर की तरह ही दुखी है। हुडा में बिजली, पानी और सीवरेज की अपनी विंग है। इसके बावजूद यहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट नहीं लग पाया और खुले में ही सीवरेज का पानी छोड़ा जा रहा है।
समस्याएं इतनी कि सुलझ नहीं पा रही
नगर में लोकल सरकार बनती आई है और वर्षो से नगर परिषद में निर्वाचित पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों के लिए विकास योजनाओं को आगे बढ़ाते रहे हैं बावजूद इसके समस्याएं ज्यो की त्यों हैं। नगर परिषद क्षेत्र में प्रतिदिन 30 से अधिक शिकायतें सीवरेज, सफाई न होने, स्ट्रीट लाइटे न जलने के संबंध में हैं। इनमें से अनेक ऐसी शिकायतें हैं जिनका समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है। सीएम विंडो पर नगर परिषद से संबंधित 157 शिकायतें आई हैं जिनमें 134 का ही निपटारा हो पाया है।
अनेक इलाकों में नहीं जल पाती स्ट्रीट लाइट
शहर के हर वार्ड में स्ट्रीट लाइट न जलने की समस्या है। वार्ड के पार्षद से लेकर आम आदमी तक यह शिकायतें नगर परिषद में करते है जिनमें से कुछ शिकायतों का समाधान होता है जिनमें कुछ फिर भी शेष रह जाती है।
परिषद की नहीं है अलग से वेबसाइट
ई क्राति के दौर में भी नगर परिषद पुराने ढर्रे पर ही है। लोकल सरकार की अपनी वेबसाइट तक नहीं है। लोगों को शिकायत करनी हो तो लिखित आवेदन के साथ ही शिकायत करनी पड़ती है और उसका जवाब भी उसी ढर्रे की अनुसार दिया जाता है। हालाकि ईमेल आईडी नगर परिषद ने बनाई हुई है और उस पर आने वाली शिकायतों का समाधान भी किया जा रहा है।
स्टॉफ की कमी से बढ़ रहा दबाव
नगर परिषद में कर्मचारियों की कमी के कारण काम का दबाव बढ़ रहा है। यहा हर शाखा में कर्मचारी कम है क्योंकि सरकार की ओर से कई वर्षो से भर्ती नहीं की गई है और जो पहले से भर्ती है इस दौरान सेवानिवृत्त हो गए है।
सब कुछ ठीक मानते है ईओ
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अतर सिंह ने कहा कि विभाग की नीतियों के अनुरूप सभी कार्य व्यवस्थित ढग से चलाए जा रहे है। सिरसा में सफाई अभियान बेहतर ढग से चला है। स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान निश्चित समय अवधि में करने का प्रयास करते है। सूचना क्राति से जुडे़ लोग मेल आईडी से भी शिकायत व सुझाव दे सकते है।
समस्या समाधान के लिए हेल्प लाइन नंबर हो
नगर परिषद प्रशासन को नए अनुरूप स्वयं को ढालना होगा। हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाना चाहिए जिस पर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दे और समाधान के बाद उस व्यक्ति को इसकी सूचना किसी कॉल सेंटर से दी जाए। अनेक ऐसे लोग है जो नगर परिषद नहीं पहुचते और समस्या उनके सामने भी आती है ऐसे लोग हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकत है।
-पवन डिगवाला,
पूर्व प्रधान, नगर परिषद
ह्वाट्सएप नंबर व वेबसाइट हो
नगर परिषद एक ह्वाट्सएप नंबर जारी करे जिस पर कोई भी व्यक्ति फोटो या शिकायत भेजे और फिर उस पर कार्यवाही हो। इसके लिए मॉनिट¨रग व्यवस्था भी बनाई जाए साथ ही नगर परिषद से संबंधित नीतियों की जानकारी के लिए वेबसाइट होनी चाहिए ताकि शिक्षित व्यक्ति इस वेबसाइट से ही नगर परिषद की नीतियों की जानकारी हासिल कर सके।
-कमल रेलन,अधिवक्ता
गलियों के निर्माण के लिए वार्ड स्तरीय कमेटी बने
नगर में गलियों के निर्माण पर लाखों रुपयों की राशि खर्च हो रही है। किसी भी प्रकार की शिकायत को रोकने के लिए नगर परिषद पार्षद की अध्यक्षता में वार्ड के लोगों की ही कमेटी बनाए जाए। इससे गुणवत्ता में सुधार होगा।
-टीटू गिरधर, ऑटो व्यवसायी
पहले जल भराव रोकने के लिए कार्य हो
हल्की सी बारिश में शहर के सभी चौक व सड़कों पर जल भराव की स्थिति होती है। स्मार्ट शहर बनने का सपना तभी आगे बढ़ पाएगा जब जल भराव को रोकने के लिए ठोस योजना बने। बारिश के वक्त को लगता नहीं कि यह शहर का इलाका होगा।
-राकेश गोयल, व्यवसायी।