पांच साल, कम बजट, विकास आधा अधूरा
जागरण संवाददाता, सिरसा : आदर्श गांव गुड़ियाखेड़ा में पंचायत द्वारा करवाए गए कार्य व्यवस्था के आगे कमतर
जागरण संवाददाता, सिरसा : आदर्श गांव गुड़ियाखेड़ा में पंचायत द्वारा करवाए गए कार्य व्यवस्था के आगे कमतर हैं। वर्तमान पंचायत को बने पांच वर्ष का समय हो चुका है लेकिन विकास व सुविधा की तरफ देखा जाए तो आज भी गलियां कच्ची हैं, गांव में सफाई का अभाव है तथा गंदे पानी की निकासी के लिए समुचित प्रबंध नहीं है। एक आदर्श गांव के लिए जो प्रयास होने चाहिए वे यहां नहीं दिखे।
पंच रामस्वरूप गोदारा ने बताया कि आदर्श गांव में पंचायत की ओर से
करवाये गए कार्य में स्कूल की चारदीवारी का निर्माण, पांच गली का निर्माण, स्कूल में कमरे, हॉल व लाइब्रेरी का निर्माण, स्ट्रीट पोल आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुछ और भी कार्य हुए है जिसका लेखा-जोखा फाइलों में है। हालांकि एक सत्य यह भी है कि जिस समय गुड़ियाखेड़ा को आदर्श गांव घोषित किया गया था उस समय गांव की महिला सरपंच अनियमितता के आरोप में सस्पेंड थी। आदर्श गांव घोषित होने के कुछ दिन बाद ही उसे बहाल कर दिया गया। लेकिन विकास कार्य अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाये। बुजुर्ग रामस्वरूप बताते हैं कि पंचायत द्वारा विकास कार्य न होने के दो कारण है। पहला कारण आदर्श गांव बनने से पूर्व की घटना व दूसरा बाद की घटना। पूर्व की घटना यह है कि पंचायत द्वारा जितने भी कार्य करवाये गए हैं उनपर अनियमितता का आरोप लग चुका हैं। उन्होंने बताया कि एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने इसकी पोल खोली थी। जिसमें बताया गया कि गांव में साढ़े पांच हजार प्रति स्ट्रीट लाइट की दर से 100 स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव था। लेकिन गांव में केवल 60 पोल ही लगाए गए। इसके अलावा 60 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से पंचायत भवन में 2.80 किलोग्राम का लोहे का गेट लगाना था। लेकिन आरोप है कि 82 किलोग्राम का ही गेट लगाया गया। पंचातय फंड से हरिजन वाली गली का निर्माण करवाया गया। लेकिन इसमें भी अनियमितता का आरोप लगा। आरटीआइ कार्यकर्ता ने कुछ सूचना के आधार पर इसकी शिकायत की थी, जांच के बाद सरपंच को सस्पेंड कर दिया गया। इससे गांव का विकास कार्य रूक सा गया।
आदर्श गांव घोषित होने के बाद नहीं हो पाया कोई कार्य
ग्रामीणों के मुताबिक आदर्श गांव घोषित होने के बाद पंचायत की ओर से कोई कार्य नहीं हुआ है। हालांकि पंचायत का दावा है कि गांव में फिरनी का निर्माण उनके सहयोग से किया गया है। लेकिन जागरूक ग्रामीण यह बताते हैं कि यह कार्य डी प्लान के तहत करवाया गया है।
सिर पर पंचायती चुनाव
आदर्श गांव योजना के एक अधिकारी बताते हैं कि सच्चाई यह है कि पंचायती चुनाव नजदीक है। इसलिए कुछ गतिविधियां रुक गई हैं। जोहड़ की साफ सफाई के लिए उनसे अनुरोध किया गया था। लेकिन वह इस कार्य में हाथ लगाने से भी डर रहे हैं क्योंकि अधिकतर लोग अपने पशु का गोबर व मलवा जोहड़ के किनारे फेंकते हैं।
'गांव में अभी बहुत कुछ करना बाकी'
गांव में कुछ सामाजिक संगठन भी सक्रिय है। इसमें से सबसे प्रमुख युवा क्लब है। आदर्श गांव घोषित होने से पूर्व ही यह संगठन गांव की समस्याओं को लेकर काफी सक्रिय रहे हैं। संगठन के प्रधान राम किशन मंडा ने बताया कि आदर्श गांव बनने से उनकी भी भूमिका काफी बढ़ गई है। उनके संगठन में इस समय 35 सदस्य हैं, जो गांव की साफ सफाई से लेकर चिकित्सा व शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। आदर्श गांव घोषित होने के बाद उन्होंने वृद्ध आश्रम, मंदिर व स्कूल की सफाई शुरू कर दी। जलघर में सेम की समस्या को लेकर हम लोग जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी गांव में बहुत कुछ करना बाकी है।
स्टेडियम का निर्माण हो
उनकी पहली प्राथमिकता है कि गांव में स्टेडियम का निर्माण हो। हालांकि इस दिशा में प्रशासन काम कर रहा है। लेकिन बीआरजीएफ फंड बंद हो जाने से समस्या बढ़ गई है।
पंचायत को उठानी होगी जिम्मेदारी
- गलियों का निर्माण : गाव की स्थिति को सुधारने के लिए पंचायत को जिम्मेदारी उठानी होगी। गांव की अधिकतर गलियां कच्ची है। इसका निर्माण बेहद जरूरी है। बरसात के दिनों में इन गलियों में पानी भर जाता है। गंदा पानी जोहड़ में जाकर मिल जाता है।
- गांव में नालियों का निर्माण : गांव में पानी की निकासी एक बड़ी समस्या है। अधिकारी बताते हैं कि गंदे पानी की निकासी कर इसे गांव से बाहर कहां एकत्रित किया जाए इसकी अभी प्लानिंग तैयार नहीं है। हालांकि इस पर अभी मंथन चल रहा है। गांव में नाला बनाने की जिम्मेदारी पंचायत को लेनी होगी।
- सफाई व्यवस्था पर देना होगा ध्यान : गांव की सफाई व्यवस्था एक चिंता का विषय है। पंचायत को सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। पंचायती भूमि का सही उपयोग करना होगा।
ग्रामीणों की राय :
राजो देवी बताती है कि पंचायत के अभी तक के कार्य काफी बेहतर नहीं है। आदर्श गांव के हिसाब से पंचायत को काफी काम करने होंगे। सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना होगा।
सुनीता बताती है कि गांव से गंदे पानी की निकासी काफी जरूरी है। पंचायत को विशेष तौर पर काम करना होगा। जोहड़ की सफाई कर गंदे पानी को अलग करना जरूरी है।
धर्मवीर का कहना है कि नई गलियों का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। गलियों का निर्माण करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही पानी की निकासी के लिए नालों का भी निर्माण जरूरी है।
युवा क्लब के प्रधान रामकिशन का कहना है कि आदर्श गांव के निर्माण में समूचे ग्रामवासियों का सहयोग जरूरी है। ग्रामवासियों को खुद आगे आना होगा। सोच बदलनी होगी और प्रयास करने होंगे।