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नहीं कर पाए आवास का घेराव

जागरण संवाददाता, सिरसा : न्यायालय के निर्देश के बाद सरकार की ओर से अतिथि अध्यापकों को हटाए जाने की च

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 06:13 PM (IST)
नहीं कर पाए आवास का घेराव

जागरण संवाददाता, सिरसा : न्यायालय के निर्देश के बाद सरकार की ओर से अतिथि अध्यापकों को हटाए जाने की चल रही प्रक्रिया के रोष स्वरूप रविवार को भी विरोध प्रदर्शन किया गया। अतिथि अध्यापकों ने भयंकर गर्मी और तेज धूप के बावजूद शहर में विरोध प्रदर्शन किया। भारी पुलिस बल ने अतिथि अध्यापको द्वारा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा के आवास के घेराव की योजना सफल नहीं होने दी। प्रदर्शनकारी अतिथि अध्यापक सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए और रोष जताया।

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रविवार प्रात: के समय अतिथि अध्यापक राजकीय माडल संस्कृति स्कूल में एकत्र हो गए। यहा से विरोध प्रदर्शन करते हुए अतिथि अध्यापक मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जगदीश चौपड़ा के आवास की ओर चले। हालाकि पुलिस को पहले ही सूचना थी और इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार व पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी रविंद्र अपनी टीम सहित मौके पर थे। पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आवास से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही रोक लिया। ऐसे में प्रदर्शनकारी अतिथि अध्यापक करीब दो घटे तक सड़क के बीच में धूप में धरना देकर बैठ गए। इस दौरान एंबुलेंस और अग्निशमन विभाग की गाड़ी को भी तैनात किया गया। इस मौके पर उपस्थित विनोद कासनिया, कृष्ण झोरड़, काशीराम, संतोष, सोनिया, सुरीना, सीमा, उर्मिला, निर्मला, सिवानी, सुरेद्र, शमशेर, अशोक, बग्गूराम, कश्मीरी लाल उपस्थित थे।

अन्य संगठन भी समर्थन में उतरे

रविवार को अतिथि अध्यापकों के समर्थन में कर्मचारी नेता कृष्ण पाल गुर्जर, मास्टर गुरदीप सैनी, नरेंद्र कुमार ने भी समर्थन की घोषणा की। सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि मांगों का समाधान न होने तक प्रतिदिन दोपहर तीन बजे के बाद मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जगदीश चौपड़ा के आवास के समक्ष धरना दिया जाएगा।

भेदभाव की नीति अपना रही सरकार : कासनिया

जाट धर्मशाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में करीब 10 वर्ष तक काग्रेस की सरकार रही और 3 साल व दस की पॉलिसी को भी सरकार ने दरकिनार करते हुए किसी भी अध्यापक को नियमित नहीं किया। हालाकि इनके अलावा कई कॉलेज प्राध्यापकों को नियमित कर दिया गया, लेकिन स्कूल टीचरों को नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यायालय के समक्ष गलत आकड़े पेश कर उन्हे हटाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक ही न्यायालय द्वारा जारी किए गए दो नोटिस पर भी संशय पैदा हो गया है क्योंकि दो अलग-अलग अध्यापकों ने न्यायालय में इस संबंधी अपील लगाई थी, जिनकी सुनवाई 11 मई को एक ही जज ने की, लेकिन जवाब दोनों में अलग-अलग थे। एक में बताया गया की नोटिस के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए, जबकि एक में जवाब दिया की 24 घटे में।

अब आमरण अनशन की तैयारी

अतिथि अध्यापक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विनोद कासनिया और जिला प्रधान राधा कृष्ण झोरड़ ने कहा कि वर्ष 2005 से 2007 तक गेस्ट अध्यापकों की नियुक्ति हुई व 2007 के बाद हरियाणा शिक्षा विभाग के निदेशक की स्पेशल अप्रूवल से मिडल स्कूलों में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति हुई। 2005 से सभी अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति हुई। 2005 से सभी अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति विभागीय आदेशों के अनुसार मैरिट आधार पर हुई। यह नियुक्ति विद्यालय स्तर पर बनाई गई कमेटियों के द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि अब आगामी 31 मई को वे दिल्ली में जंतर-मंतर पर आमरण-अनशन शुरू करेगे। अपने रोजगार को बचाने के लिए हम कोई भी कदम उठाने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी पाच मई 2015 को हम जंतर मंतर दिल्ली में हिन्दू धर्म का त्याग कर देंगे। सरकार से हम आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। इस मौके पर राजरानी, संतोष शर्मा, अनिल कुमार अन्य अतिथि अध्यापक भी उपस्थित थे।


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