पहले खरीद में देरी अब उठान नहीं हो रहा
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संवाद सूत्र, रोड़ी : इक्क ता ऐतकी रब्ब ने पक्की फसल ते मींह पाके जट्टा ते कहर टाता ते दुज्जा उत्तों मंडिया च जमींदारा नूं सरकार ने जमा ई रोल के रख ता, पंज दिन होगे मंडी च क णक लै के बैठिया नूं साडे खून पसीने दी कमाई नूं सरेआम रेते च सुट्टी जादे आ, ऐत्थे ना ता पीण नूं पानी है अते ना बैठण नूं कोई था' कुछ इस तरह का दर्द बप्पा खरीद केंद्र पर सुनाते हुए किसानों ने विभाग के खिलाफ रोष व्यक्त किया।
खरीद केन्द्र में बैठे किसान बप्पा के सुखदेव ¨सह, मल्लेवाला के गुरदेव ¨सह, बलवीर ¨सह, बुढाभाणा के कृष्ण ¨सह, बड़ागुढ़ा के जगरूप ¨सह, नागोकी के गुरदेव ¨सह व नछत्र सिंह आदि ने बताया कि उन्हे खरीद केंद्र पर बैठे कई कई दिन हो गए पहले तो खरीद लेट शुरु हुई दूसरा अब खरीद शुरु हो गई है तो उठान नहीं हो पर रहा जिसके चलते औलाद की तरह पाली गई फसल सरेआम मिटटी में मिल रही है। उन्होंने बताया कि यहा पर पक्की जगह पर गेहूं के बैग पडे़ है ऐसे में किसानों की गेहूं खेतों में उतारी जा रही है। उन्होंने बताया कि एक तो इस बार बेमौसमी बरसात ने जख्म दिया तो दूसरी तरफ खरीद केंद्रों में जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है। यहा पर न तो पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही बैठने के लिए कोई प्रबंध है जिसके चलते उन्हे फसल बेचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना था कि सरकार खरीद को लेकर बडे़ बडे़ दावे कर रही है लेकिन मंडियों में उनका दुख दर्द सुनने के लिए अभी तक कोई अधिकारी या नेता नहीं आया। बप्पा खरीद केन्द्र पर इस समय एक लाख से अधिक बैग उठान की बाट में है जिसके चलते हर तरफ गेहूं के अंबार लगे हुए है। गेहूं उतारने के लिए जगह न होने के कारण गेहू कच्चे में उतारा जा रहा है जिसे किसान मन मसोस कर देखने को मजबूर है।
उधर रोड़ी स्थित खरीद केंद्र में भी कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिल रहे है। जहा मंडी का विशाल शेड छोटा पड़ गया है वहीं गेहू चारों ओर खरीद केन्द्र के रास्तों व कच्चे में ही उतारा जा रहा है। यहा तक कि किसान विश्राम गृह भी गेहूं के ढेर से अटा पड़ा है ऐसे में आवक ज्यादा होने के कारण किसानों को गेहूं झाडि़यों में उतारना पड़ रहा है। यहा पर हजारों बैग उठान का इतजार कर रहे है हालाकि बुधवार दोपहर को ठेकेदार द्वारा वाहन नही ंभेजे गए जो ऊं ट के मुंह में जीरे के समान प्रतीत हो रहे थे। किसानों ने बताया कि मंडी में दुकानों के आगे चबूतरे बनाए जा रहे है इसलिए यहा पर बजरी, रेती आदि सामग्री गेहूं में मिल रही है।
अगर बप्पा में ये समस्या है तो मैं भी संबंधित अधिकारियों से बात करता हू ताकि किसानों को फसल बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
-परमजीत चहल, एसडीएम सिरसा।